IIT Delhi: बोतल में पानी भरते ही नष्ट हो जाएंगे जीवाणु-कीटाणु
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) दिल्ली ने नैनो तकनीक से ऐसी बोतल तैयार की है, जिसमें पानी भरते ही जीवाणु-कीटाणु खत्म हो जाएंगे।
By Kiran K Waikar
Edited By: Kiran K Waikar
Publish Date: Sat, 10 Oct 2020 07:16:21 AM (IST)
Updated Date: Wed, 21 Oct 2020 08:47:55 AM (IST)
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) दिल्ली ने नैनो तकनीक से ऐसी बोतल तैयार की है, जिसमें पानी भरते ही जीवाणु-कीटाणु खत्म हो जाएंगे। IIT में शुरू हुए स्टार्टअप नैनोसेफ सॉल्यूशंस (NanoSafe Solutions) ने नैनो-टेक्नॉलॉजी और पारंपरिक विज्ञान के जरिये यह बोतल तैयार की है। बोतल तांबे के एंटीमाइक्रोबियल गुणों पर आधारित है, जिसे एक्यूक्योर (Aqcure) नाम दिया गया है।
स्टार्टअप नैनोसेफ सॉल्यूशंस की संस्थापक डॉ. अनसूया राय (Anasuya Roy) ने बताया कि पानी की बोतल एंटीवायरल, एंटीबैक्टीरियल और एंटिफंगल है। इसमें पॉलीमर मैट्रिक्स से सक्रिय नैनो-तांबा निकलता है। यह तांबा कंटेनर के बाहरी और आंतरिक सतह को एंटीवायरल बनाता है। इसकी सतह के सीधे संपर्क पर जीवाणु और कीटाणु खत्म हो जाते हैं। साथ ही संग्रहण किए गए पानी को यह बोतल सुरक्षित बनाती है।
परीक्षण के दौरान एक्यूक्योर बोतल 99 फीसद एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल, एंटीवायरल साबित हुई है। उन्होंने बताया कि ग्रामीण और शहरी गरीब इलाकों में स्वच्छ पेयजल की हर समय उपलब्धता आज भी चुनौती है। दूषित पेयजल कई जानलेवा वायरस और बैक्टीरिया का प्रमुख स्त्रोत होता है। उन्होंने उम्मीद जताई कि एक्यूक्योर लोगों तक स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता में मददगार साबित होगी।
Aqcure की बोतलें अलग-अलग साइज में उपलब्ध हैं। इसकी फ्रीज में रखने वाली बोतलों की क्षमता 700 मिलीलीटर से एक लीटर तक हैं। इसके अलावा इसके 10-20 लीटर बबल टॉप्स और कैन्स भी पानी के स्टोरेज के लिए उपलब्ध हैं।
आईआईटी दिल्ली के टेक्सटाइल्स एंड फाइबर इंजीनियरिंग विभाग की डॉ. मंगला जोशी ने कहा, ग्रामीण और शहरी गरीब क्षेत्रों में हर समय सुरक्षित पेयजल पहुंचाना एक बड़ी चुनौती है।