नई दिल्ली। शिवजी को प्रसन्न करने के लिए जो फल-फूल और सामग्री उन्हें चढ़ाए जाते हैं उनमें से एक धतूरा भी है। धतूरा उन्ही फलों में से एक है जिसे हिन्दू धर्म के देवता महादेव पर चढ़ाया जाता है। यह एक सामान्य जंगली पौधा है जो कहीं भी अपने आप ही उग जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह पूजनीय होने के साथ-साथ स्वास्थ्य के लिए भी बहुत लाभकारी होता है। औषधि गुणों की खान माने जाने वाले धतूरा की जड़, फल, फूल, पत्ते भी औषधि गुणों से भरे होते हैं।
बालों के लिए:
अगर आप अपने बालों के झड़ने से या फिर रूसी की समस्या से परेशान है तो इसके लिए धतूरे के फल का रस बालों में कुछ देर तक लगाकर छोड़ दीजिए। उसके बाद हालों को धो लीजिए। यदि आप ऐसा करते हैं तो इससे आपके बाल मजबूत हो जाएंगे और इसके साथ ही रूसी की भी समस्या दूर हो जाएगी। इसका प्रयोग नियमित रूप से कुछ हफ्तों तक करना चाहिए।
इसके साथ ही धतूरे के पत्तों के रस का लेप लगाने से गंजापन दूर हो जाता है। बच्चों के बालों में जुएं हो गई है तो आधा लीटर सरसों के तेल में ढाई सौ ग्राम धतूरे के पत्तों का रस निकालकर और इतनी ही मात्रा में पत्तियों का कल्क बनाकर धीमी आंच पर पकाएं और ठंडा कर बालों में अप्लाय करें। अगर तेल बच जाए तब बोतल में भरकर रख लें।
घावों के लिए:
अगर आप धतूरे के पत्तों का पेस्ट बनाकर संक्रमित घाव पर लगाते हैं और उसकी पट्टी बांधते हैं तो इससे आपका घाव बहुत ही जल्दी भर जाएगा।
दर्द से छुटकारा:
धतूरे का प्रयोग दर्द निवारक के रूप में भी होता है। इसकी पत्तियों, फूलों व बीजों को पीसकर बनाए गए पेस्ट का लेप बनाकर दर्द वाले स्थान करने पर लगाने से राहत मिलती है। इसके पेस्ट को सरसों या तिल के तेल में पकाकर धतूरे का तेल बनाया जाता है, जो एक अच्छा दर्द-निवारक है। इसका लेप बवासीर के दर्द से भी राहत देती है।
यदि शरीर के किसी भी हिस्से में सूजन हो तो धतूरे के पत्तों को हल्का गुनगुना कर गर्म कर सूजन वाले स्थान पर बांध दें निश्चित लाभ मिलेगा। इसके अलावा यह कान दर्द में भी तुरंत लाभ मिलता है। दर्द होने पर सरसों का तेल 250 मिली, 60 मिलीग्राम गंधक और 500 ग्राम धतूरे के पत्तों का रस, इन सभी को एक साथ धीमी आंच पर पकाएं। जब तेल बचा रहे तब उसे कान में एक या दो बूंद टपका दें।
गठिया में लाभकारी:
अगर आप गठिया रोग से जूझ रहे हैं तो धतूरा आपके लिए रामबाण उपाय साबित हो सकता है। दर्द होने पर धतूरे के फल का रस निकालकर उसको तिल के तेल में पका लीजिए। जब तेल रह जाए तो इस तेल से मालिश कीजिए जोड़ो और दर्द वाले हिस्से पर अच्छे से मालिश करें। उसके बाद वहां धतूरे का पत्ता बांध लीजिए। इससे दर्द में भी राहत मिलेगी।
सावधानियां भी जरूरी
धतूरा औषधीय गुणों से भरपूर है लेकिन धतूरा विष है और अधिक मात्रा में इसका सेवन शरीर में रुखापन लाता है। मात्रा से अधिक प्रयोग करने पर सिरदर्द, पागलपन और बेहोशी जैसे लक्षण उत्पन्न करता है और आंखे व चेहरा लाल हो जाता है।