एजेंसी, नई दिल्ली (Haryana Election results reaction)। हरियाणा विधानसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। आगामी चुनावों में उसे सहयोगी दलों के दबाव का सामना करना पड़ेगा। इसकी शुरुआत हो चुकी है।
हरियाणा के परिणाम आने के बाद आम आदमी पार्टी के कर्ताधर्ता अरविंद केजरीवाल और मुंबई में उद्धव ठाकरे शिवसेना की नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने प्रतिक्रिया दी। प्रियंका चतुर्वेदी ने भाजपा को जीत की बधाई देते हुए कहा कि जहां कांग्रेस का भाजपा के साथ सीधा मुकाबला होता है, वहां कांग्रेस कमजोर पड़ जाती हैं।
इस बीच, जम्मू-कश्मीर के भावी मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी कांग्रेस पर तंज कसा है। उमर ने कहा कि हरियाणा में कांग्रेस कभी 60 सीट पर थी, फिर 30 पर आई। यह कैसे हुआ? क्या कारण है कि कपड़े सिलवा कर राजभवन का रास्ता नापने वाले घर बैठे रह गए? कांग्रेस को इस पर गहराई से विचार करना चाहिए।
माना जा रहा है कि उमर अब्दुल्ला ने अंदरूनी कलह को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा है। हरियाणा चुनाव में भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कुमार सैलजा के बीच तनातनी साफ देखने को मिली थी।
प्रियंका की इस प्रतिक्रिया को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। प्रियंका ने कांग्रेस को संदेश देने की कोशिश की है कि महाराष्ट्र का विधानसभा उद्धव ठाकरे को आगे रखकर लड़ा जाए, तभी भाजपा और उसके सहयोगी दलों का मुकाबला किया जा सकता है। अब महाराष्ट्र के सीट बंटवारे में भी सहयोगी दल कांग्रेस पर हावी होने की कोशिश करेंगे।
अरविंद केजरीवाल ने हरियाणा की हार के बाद कांग्रेस पर तंज कसा। उन्होंने दिल्ली में कहा, किसी भी चुनाव को हल्के में नहीं लेना चाहिए। अतिआत्मविश्वास भारी पड़ सकता है।
अपने पार्षदों की बैठक में केजरीवाल ने कहा कि आपस में नहीं लड़ना है। यह काम चुनाव बाद कर लेंगे। यदि आपस में लड़ते रहे, तो हार तय है। माना जा रहा है कि केजरीवाल का इशारा हरियाणा में भूपेंद्र हुड्डा और कुमारी सैलजा के विवाद पर था