Gyanvapi Masjid Case: वाराणसी कोर्ट ने ASI को दी ज्ञानवापी मस्जिद के वैज्ञानिक सर्वे की अनुमति
वाराणसी कोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर में सील हिस्सों को छोड़कर बाकी जगहों की वैज्ञानिक जांच की मंजूरी दे दी है।
By Arvind Dubey
Edited By: Arvind Dubey
Publish Date: Fri, 21 Jul 2023 12:57:21 PM (IST)
Updated Date: Fri, 21 Jul 2023 04:42:12 PM (IST)
14 जुलाई को बहस पूरी हो गई थी। अब फैसले की बारी। वाराणसी: ज्ञानवापी मंदिर-मस्जिद केस में शुक्रवार को वाराणसी कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है। सकती है। वाराणसी की जिला अदालत ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा पूरे ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के 'वैज्ञानिक सर्वेक्षण' के लिए निर्देश देने की मांग मंजूर कर ली है। फैसले के अनुसार, ASI विवादित हिस्से को छोड़ कर पूरे परिसर की वैज्ञानिक जांच कर सकता है। हिंदू पक्ष की ओर से याचिका दायर कर इस मामले में कोर्ट से हस्तक्षेप की मांग की गई थी। ज्ञानवापी मस्जिद मामले में हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील विष्णु शंकर जैन ने बताया कि कोर्ट ने पूरे परिसर का ASI द्वारा सर्वे का आदेश दे दिया है। लेकिन इसमें वजू टैंक का सील किया हुआ हिस्सा शामिल नहीं होगा। ASI इस सर्वे की रिपोर्ट 4 अगस्त को जिला जज को सौंपेगा।
सर्वे से क्या होगा?
सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के अंदर पाए गए शिवलिंग के वैज्ञानिक सर्वेक्षण और कार्बन-डेटिंग की अनुमति देने वाले इलाहाबाद उच्च न्यायालय के निदेर्शो पर रोक लगाई थी। इस मामले में दोनों पक्षों के अलग-अलग दावे हैं। एक पक्ष कहता है कि यह शिवलिंग है और दूसरा पक्ष कहता है कि इसे फव्वारा बताता है। ASI के परिसर के सर्वे से यह पता चलेगा कि ये परिसर मूल रुप में क्या था और अगर ये मंदिर या मस्जिद था, तो कितना पुराना है। इससे दोनों पक्षों के दावों की सच्चाई सामने आ सकेगी।
लंबे समय से चल रहा मामला
बता दें, इस साल मई में मामले की पांच मुख्य याचिकाकर्ता महिलाओं ने पूजा की मांग साथ कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। वहीं एक अन्य याचिका में मंदिर परिसर में 'श्रृंगार गौरी स्थल' पर प्रार्थना करने की अनुमति भी मांगी थी। अब तक की जांच में मस्जिद परिसर में एक संरचना पाई गई, जिसे एक पक्ष 'शिवलिंग', तो दूसरा फव्वारा' होने का दावा कर रहा है। सुनवाई को ध्यान में रखते हुए वाराणसी में सुरक्षा के बंदोबस्त किए गए हैं।