एएनआई, नई दिल्ली। Gyanvapi Case: ज्ञानवापी मामले में हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील विष्णु शंकर जैन ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि जिला जज के नकल विभाग ऑफिस ने एएसआई सर्वे की रिपोर्ट सौंप दी है। इस रिपोर्ट को लेकर उन्होंने कई दावे किए। ASI ने 839 पृष्ठों की रिपोर्ट दायर की है।
उन्होंने कहा, 'जीपीआर सर्वे पर एएसआई ने कहा कि यहां एक भव्य हिंदू मंदिर था। मौजूदा ढांचा के पहले हिंदू मंजूर मौजूद था।' जैन ने कहा कि जो वर्तमान ढांचा है, उसकी पश्चिमी दीवार पहले के हिंदू मंदिर का हिस्सा है। यहां पर एक्जिस्टिंग स्ट्रक्चर है।
वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि एएसआई ने कहा है कि हिंदू देवताओं की मूर्तियां और नक्काशीदार वास्तुशिल्प मिट्टी के नीचे दबे पाए गए हैं। मौजूदा वास्तुशिल्प अवशेष, दीवारों पर सजी हुई ढलाई, एक बड़ा प्रवेश द्वार, विकृत छवि वाला एक छोटा प्रवेश द्वार और सजावट के लिए नक्काशी किए गए पक्षियों और जानवरों से पता चलता है कि पश्चिमी दीवार हिंदू मंदिर का शेष हिस्सा है। उन्होंने कहा, 'एक कमरे के अंदर पाए गए अरबी फारसी शिलालेख में उल्लेख है कि मस्जिद औरंगजेब के शासनकाल में बनाई गई थी। पहले से मौजूद संरचना ऐसा प्रतीत होता है कि इसे 17वीं शताब्दी में नष्ट किया गया था।'
वकील जैन ने बताया कि एएसआई ने कहा है कि वहां 34 शिलालेख है। जहां पर पहले से मौजूद हिंदू मंदिर के थे। जो पहले हिंदू मंदिर था। उसके शिलालेख को दोबारा इस्तेमाल कर मस्जिद बनाया गया है। इनमें देवनागरी, ग्रंथ, तेलुगु और कन्नड़ लिपियों में शिलालेख मिले हैं।
इससे पहले विष्णु शंकर जैन ने कहा था कि वजू टैंक में कई मछलियां मर गई हैं। हमने इसकी सफाई के लिए कोर्ट के समक्ष एक आवेदन दायर किया। वहां एएसआई सर्वेक्षण के लिए भी कहा था। सर्वे पर लोगी रोक को भी हटाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, एएसआई सर्वेक्षण होगा। इससे स्पष्ट हो जाएगा कि यह शिविंग है या फव्वारा। वजुखाना टैंक में मरी हुई मछलियों की रिपोर्ट पर वकील ने कहा कि वजू क्षेत्र को जिला प्रशासन द्वारा साफ कर दिया गया है।
#WATCH | Varanasi, Uttar Pradesh | Advocate Vishnu Shankar Jain, representing the Hindu side, gives details on the Gyanvapi case.
He says, "The ASI has said that there existed a large Hindu Temple prior to the construction of the existing structure. This is the conclusive… pic.twitter.com/rwAV0Vi4wj
— ANI (@ANI) January 25, 2024
वकील जैन ने बताया कि वजू इलाके को सील कर दिया गया है। क्षेत्र को साफ कर इसकी कस्टडी वाराणसी जिलाधिकारी के पास है। उन्होंने कहा, एएसआई सर्वेक्षण रिपोर्ट आने के बाद हम जीत के करीब होंगे। बता दें वाराणसी जिला अदालत ने गुरुवार को एएसआई रिपोर्ट को सार्वजनिक करने को कहा था। साथ ही मामले की पैरवी करने वाले दोनों पक्षों को हार्ड कॉपी उपलब्ध कराने का आदेश दिया।
हिंदू पक्ष के वकील और विष्णु शंकर जैन के पिता एडवोकेट हरिशंकर जैन ने दावा किया कि यह दिखाने के लिए सबूत हैं। मस्जिद के निर्माण के लिए मंदिर को ध्वस्त कर दिया गया था। एएनआई से बात करते हुए जैन ने कहा, एएसआई रिपोर्ट को सार्वजनिक करने पर आपत्तियां उठाई गईं। हालांकि दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने रिपोर्ट को उपलब्ध कराने के पक्ष में फैसला सुनाया। रिपोर्ट सार्वजनिक कर दी जाएगी। सभी को पता चल जाएगा कि इसमें क्या है।