नई दिल्ली। GST रिफंड में फर्जीवाड़ा पकड़ने के लिए टैक्स विभाग की खुफिया एजेंसियों- डीआरआइ और डीजीजीआइ ने गुरुवार को अब तक का सबसे बड़ा संयुक्त अभियान चलाया। इसके तहत करीब 15 राज्यों में 336 जगहों पर लगभग 1,200 अधिकारियों ने छापेमारी की गई। इस छापेमारी में GST रिफंड में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। शुरुआती जांच में निर्यातकों द्वारा 470 करोड़ रुपये के फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट जमा करने और उसका इस्तेमाल कर टैक्स का भुगतान करने का मामला सामने आया है।
इतने राज्यों में हुई कार्यवाही
सेंट्रल बोर्ड ऑफ इन्डायरेक्ट टैक्सेज एंड कस्टम के तहत आने वाले डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलीजेंस (DRI) और डायरेक्टरेट जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलीजेंस (DGGI) के अधिकारियों ने विशेष सूचना मिलने पर दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, पंजाब, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ में यह कार्रवाई की। खुफिया जानकारी मिलने के बाद दोनों एजेंसियों ने डायरेक्टरेट जनरल ऑफ एनालिटिक्स एंड रिस्क मैनेजमेंट द्वारा मुहैया कराये गये आंकड़ों का विश्लेषण किया।
पकड़ में आई ऐसी गड़बड़ी
उन्होंने इन आंकड़ों का विश्लेषण कर निर्यातकों द्वारा चुकाए गए GST और कस्टम के पास उपलब्ध निर्यात के आंकड़ों का मिलान किया। जब उन्होंने यह कवायद पूरी की तो चौंकाने वाले नतीजे सामने आए। उन्हें पता चला कि इन निर्यातकों और उनको वस्तुओं की आपूर्ति करने वाले व्यापारियों ने नगण्य मात्र ही टैक्स का भुगतान कैश में किया था।
कुछ मामलों तो यह भी देखा गया कि कई कंपनियों का जितना इनपुट टैक्स क्रेडिट बनता था, उससे कहीं अधिक टैक्स का भुगतान उन्होंने ITC के माध्यम से कर दिया। कई निर्यातकों और व्यापारियों ने लगभग 3,500 करोड़ रुपये के इनवॉयस दिखाकर फर्जी ढंग से 470 करोड़ रुपये का ITC जमा कर लिया और उसके जरिये आइजीएसटी का भुगतान कर लिया।
खुफिया एजेंसियों को यह था शक
टैक्स विभाग की खुफिया एजेंसियों को पता चला था कि कुछ निर्यातक आइजीएसटी के भुगतान के साथ वस्तुओं का निर्यात कर रहे हैं। वे आइजीएसटी का भुगतान फर्जी खरीद पर अर्जित किए गए इनपुट टैक्स क्रेडिट से कर रहे हैं। इतना ही नहीं इस तरह से निर्यात पर भुगतान किए गए आइजीएसटी का उन्होंने रिफंड भी ले लिया है।