नई दिल्ली। जर्मन चांसलर एंगेला मर्केल चोरी की गई दुर्गा की प्रतिमा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को वापस लौटाएंगी। प्रतिमा को भारत से चुराकर गैरकानूनी तरीके से जर्मन म्यूजियम को बेचा गया था। अक्टूबर में मर्केल नई दिल्ली के दौरे पर आएंगी। उस वक्त वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दुर्गा की वह प्रतिमा भेंट करेंगी, जो जर्मनी के म्यूजियम में रखी है।
अंग्रेजी अखबार 'मेल टुडे' में प्रकाशित एक खबर के अनुसार, चोरी से भारत के बाहर भेजी गई इस प्रतिमा को भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक सुभाष कपूर ने बेचा था। उसे तमिलनाडु पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इससे पहले सुभाष न्यूयॉर्क के मैनहैटन में आर्ट गैलरी चलाता था। उसके ऊपर चोरी की मूर्तियां वह अन्य सामान रखने के कई मामले चल रहे हैं। अभी वह न्यायिक हिरासत में है।
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सुभाष ने जर्मन म्यूजियम को दो लाख 50 हजार डॉलर (करीब 1.5 करोड़ रुपए) में प्रतिमा बेची थी। आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई) यह समझाने में जर्मन सरकार को कामयाब रही है कि प्रतिमा को भारत से चुराया गया था। सुभाष ने भारत से चोरी की गई इसी तरह की 30 अन्य मूर्तियों को सिंगापुर के नेशनल न्यूजियम को बेचा है।
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बताया जा रहा है कि सिंगापुर ने इस बात के सबूत मांगें हैं कि ये मूर्तियां एएसआई द्वारा संरक्षित जगहों से चुराई गई हैं। भारत से चुराई गई चीजों में 17वीं सदी की महाभारत की पांडुलिपियां भी शामिल हैं। सिंगापुर के म्यूजियम ने कहा है कि भारत को बताना होगा कि मूल रूप से वही इन चीजों पर मालिकाना हक रखता है। हालांकि, वह एक प्रतिमा को भारत सरकार को देने के लिए राजी हो गया है।
इधर, कपूर का कहना है कि उसने ये वस्तुएं 1976 से पहले तब खरीदी थीं, जब एएसआई एक्ट नहीं बना था। ऐसे में ऐक्ट बनने से पहले खरीदी गई चीजों को गैरकानूनी नहीं कही जा सकता। सुभाष मैनहैटन में 'आर्ट ऑफ पास्ट' नाम से गैलरी चला रहा था। भारत लाने जाने के बाद उसे तमिलनाडु पुलिस के सीआईडी आइडल विंग ने हिरासत में लिया।