
माला दीक्षित, नई दिल्ली
समान नागरिक संहिता पर विचार कर रहे विधि आयोग की नजर तीन तलाक, बहुपत्नी और बहुपति विवाह के साथ मैत्री करार पर भी है। आयोग ने देश के कुछ हिस्सों में हिंदुओं में प्रचलित मैत्री करार को खत्म किए जाने को लेकर भी लोगों से सुझाव मांगे हैं। मैत्री करार वैसे तो कानूनन अवैध है।
लेकिन देश के कुछ हिस्सों विशेषकर गुजरात में यह प्रचलन में है। आयोग के सूत्र बताते हैं कि मैत्री करार को प्रश्नावली में शामिल करने का उद्देश्य देश में प्रचलित उन प्रथाओं की ओर ध्यान खींचना है, जिनके बारे में लोग ज्यादा नहीं जानते। साथ ही ऐसे गैरकानूनी प्रचलनों पर रोक लगाना है।
विधि आयोग के अध्यक्ष जस्टिस बीएस चौहान कहते हैं कि मुसलमानों में प्रचलित चार शादियों के रिवाज का सभी को पता है। लेकिन देश में ऐसे कई समाज और जनजातियां हैं, जहां बहुविवाह प्रथा है। पूर्वोत्तर राज्यों की कुछ जनजातियों में तो 20-20 और 30-30 शादियां भी होती हैं।
मिजोरम में रहने वाले दुनिया के सबसे बड़े परिवार के मुखिया ज्योना इसका एक उदाहरण हैं। उनकी 39 पत्नियां और सौ के करीब बच्चे हैं। हालांकि, पूर्वोत्तर से महिलाओं पर अत्याचार या उनके दबे-कुचले होने की बात नहीं उठती। इसका कारण है वहां ज्यादातर जनजातियों में मातृ सत्तात्मक परिवार प्रथा है।
महिला शादी करके पति के घर नहीं जाती, बल्कि पति घर जमाई बनता है। महिला संपत्ति की मुखिया होने के कारण आर्थिक रूप से स्वावलंबी होती है। लेकिन जब बात समान कानून की आएगी, तो ये सारे रिवाज भी विचार के दायरे में होंगे। इसी तरह उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में और कुछ जनजातियों में बहुपति की प्रथा भी प्रचलित है। आयोग संपत्ति में महिला के हक पर भी विचार करेगा।
हिन्दू महिलाओं के संपत्ति अधिकार से जुड़े एक महत्वपूर्ण सवाल पर लोगों से राय मांगी गई है। पूछा गया है कि किस तरह महिला को प्रशिक्षित किया जाए कि वह माता-पिता की संपत्ति में अपने हक के प्रति जागरूक हो। आयोग ने ईसाई समाज में तलाक के समय दो वर्ष की प्रतीक्षा अवधि को बाकी के समान करने पर राय मांगी है।
सभी धर्मों में शादी के लिए समान आयु करने पर भी विचार होगा। सभी धर्मों की महिलाओं के लिए तलाक के बाद समान भरण पोषण के प्रावधान भी दायरे में हैं। जिन 16 सवालों को मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने खारिज किया है, उनमें ये महत्वपूर्ण प्रश्न भी शामिल हैं।
क्या है मैत्री करार
शादीशुदा आदमी स्टाम्प पेपर पर मैत्री करार करके महिला को घर ले आता है। इसके बाद दोनों पति-पत्नी की तरह लिव इन रिलेशन में रहने लगते हैं।