Padma Awards Controversy: केंद्र सरकार ने पद्म पुरस्कारों का ऐलान किया और इसके साथ ही विवाद शुरु हो गया है। इसमें पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेब भट्टाचार्य का नाम पद्म भूषण की लिस्ट में शामिल है। लेकिन देर शाम बुद्धदेव भट्टाचार्य (Buddhadeb Bhattacharjee) ने पद्म भूषण लेने से इंकार कर दिया है। एक बयान जारी कर उन्होंने कहा कि वह पद्म भूषण पुरस्कार नहीं लेंगे। उन्होंने कहा, “मैं पद्म भूषण पुरस्कार के बारे में कुछ नहीं जानता हूं। मुझे इस बारे में किसी ने कुछ नहीं कहा है। यदि किसी ने मुझे पुरस्कार दिया है तो मैं वापस करता हूं।” इसे राजनीति से प्रभावित फैसला बताया जा रहा है। आपको बता दें कि केन्द्र सरकार की ओर से जारी इस लिस्ट में कांग्रेसी नेता गुलाम नबी आजाद का भी नाम है।
#UPDATE | In a statement, former West Bengal CM Buddhadeb Bhattacharjee says he will not accept the Padma Bhushan award https://t.co/YiEYyxTNGH
— ANI (@ANI) January 25, 2022
न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक केंद्र सरकार के एक अधिकारी ने सुबह-सुबह उनके परिवार को पद्म भूषण पुरस्कार देने की जानकारी दी थी। उस दौरान उनकी पत्नी ने अधिकारी से मुलाकात की थी। पुरस्कार से इंकार करने को लेकर परिवार ने केंद्र सरकार को कोई जानकारी नहीं दी थी। इसके बाद पुरस्कारों की घोषणा शाम को हुई। ऐसे में यह संभवतः एक पॉलिटिकल स्टंट है।
आपको बता दें कि बुद्धदेव भट्टाचार्य सीपीआईएम के पोलित ब्यूरो के सदस्य भी रह चुके हैं। अभी तक CPM और CPI के किसी भी नेता ने इस तरह का पुरस्कार नहीं लिया है। पूर्व मुख्यमंत्री ज्योति बसु को भी भारत रत्न देने की बात हुई थी, लेकिन उन्होंने भी इनकार कर दिया था। पश्चिम बंगाल से छह लोगों को पद्म पुरस्कार दिया गया है। इनमें से बुद्धदेव भट्टाचार्य को पद्मभूषण, विक्टर बनर्जी को पद्म भूषण और प्रह्लाद राय अग्रवाल, संघमित्रा बंदोपाद्याय, काजी सिंह और कलिपदा सोरेन को पद्मश्री के लिए चयनित किया गया है।