BRICS Agenda: अगले हफ्ते दक्षिण अफ्रीका में होनेवाले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन पर दुनिया भर की निगााहें टिकी हैं। दरअसल, 22 से 24 अगस्त तक जोहान्सबर्ग में होनेवाले इस सम्मेलन के एजेंडे में कई ऐसे मुद्दे शामिल हैं, जो वैश्विक राजनीतिक और आर्थिक व्यवस्था को बदल सकते हैं। इसकी ताकत का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 45 देश इसमें शामिल होने के लिए तैयार हैं। सम्मेलन के पहले, सऊदी अरब समेत 8 अरब देशों ने इसमें शामिल किये जाने का आग्रह किया है। वहीं अमेरिका को इसलिए चिंता सता रही है क्योंकि इसके एजेंडे में ब्रिक्स के विस्तार के साथ ही आपस में स्थानीय मुद्रा के जरिए व्यापार पर भी चर्चा होनी है। इससे डॉलर की मांग पर भारी असर पड़ सकता है।
भारत के ब्रिक्स शेरपा दम्मू रवि ने एएनआई को एक इंटरव्यू में बताया कि मंगलवार से शुरू होनेवाले ब्रिक्स समिट में इस संगठन के विस्तार पर चर्चा होगी। माना जा रहा है कि सऊदी अरब ब्रिक्स में शामिल हो सकता है। वहीं आपसी व्यापार में स्थानीय मुद्रा के उपयोग पर भी चर्चा होगी। भारतीय विदेश सेवा के 1989 बैच के अधिकारी दम्मू रवि ने कहा कि जहां तक एजेंडे का सवाल है, ऐसे कई मुद्दे हैं जिन पर चर्चा की जा रही है। लेकिन इसमें सबसे अहम है संगठन के अगले विस्तार पर चर्चा। इसके अलावा सदस्य देशों में आपसी व्यापार और आर्थिक गतिविधियों के लिए स्थानीय मुद्रा का इस्तेमाल पर गंभीरता से विचार होगा।
ब्रिक्स शेरपा दम्मू रवि ने बताया कि ब्रिक्स के विस्तार पर पिछले दो सालों से चर्चा चल रही है। चूंकि 21वीं सदी में दुनिया बदल रही है, इसलिए सभी विकासशील देशों ने मिलकर अपने एजेंडे की वस्तुओं और आर्थिक विकास को ध्यान में रखते हुए ब्रिक्स के विस्तार का फैसला किया। रवि के अनुसार, भारत का रुख इस कार्य में रचनात्मक रहा है और हमने ही पहली पहल की है। जहां तक स्थानीय मुद्रा में ट्रेडिंग का सवाल है तो यह कोई नई बात नहीं है और भारत ने इस संबंध में पहले ही कदम उठा चुका है।
दम्मू रवि ने कहा कि भारत के दृष्टिकोण में ग्लोबल साउथ के लिए जरुरी विकास के मुद्दे ज्यादा महत्वपूर्ण हैं और उन भी चर्चा होगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमेशा इस बात पर जोर देते रहे हैं कि ग्लोबल साउथ की समस्याओं और चुनौतियों का समाधान सामूहिक रूप से मिलकर ही करना होगा। उन्होंने कहा कि महामारी के बाद यह पहली बार है जब सभी नेता व्यक्तिगत रूप से मिल रहे हैं। ऐसे में इस मुलाकात का महत्व काफी बढ़ जाता है। बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी तीसरी बार दक्षिण अफ्रीका का दौरा कर रहे हैं और यह यात्रा दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की 30वीं वर्षगांठ का भी प्रतीक है। प्रधानमंत्री मोदी के बहुत सारे विचार हैं, जिन पर ब्रिक्स बैठक में चर्चा होने जा रही है।