Earthquake Magnitude Scale: नेपाल में देर रात चार बार भूकंप के झटके महसूस हुए। हालांकि धरती का हिलना नेपाल तक सीमित नहीं रहा। दिल्ली, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश समेत देश के 8 राज्यों में भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 6.3 रही। स्केल की रेंज के हिसाब से इससे मध्यम से ज्यादा माना जाता है। आइए रिक्टर स्केल का गणित जानते हैं।
कैसे मापी जाती है रिक्टर स्केल पर तीव्रता
यह एक सामान्य दस लॉगैरिदमिक स्केल है। सरल भाषा में समझें, तो यदि स्केल पर भूकंप की तीव्रता दो मापी गई है। तब वह एक की तुलना में दस गुना अधिक गहन होगा। रिक्टर स्केल में तीव्रता का हर स्तर पिछरे स्तर से दस गुना अधिक गहन होता है।
कितना नुकसान होता है?
रिक्टर स्केल पर 0 से 9 या इससे अधिक आने पर होने वाले नुकसान को समझते हैं।
0-1.9- इसका पता सीस्मोग्राफ के जरिए ही लगाया जा सकता है।
2-2.9- लोगों को लटकी हुई चीजें झूलती नजर आती है।
3-3.9- इस दौरान झटके महसूस होने लगते हैं। इतनी तीव्रता पर लगता है कि नजदीक से ट्रक गुजर रहा है।
4-4.9- सभी को भूकंप के झटके महसूस होंगे। छोटी चीजों की टूटने की आशंका रहती है।
5-5.9- हालात बिगड़ सकते हैं। घरों और ऑफिस का फर्नीचर अपनी जगह से हिल सकता है। दीवारों से प्लास्टर भी गिरने की आशंका होती है।
6. 6.69- इस तीव्रता में इमारतों को नुकसान हो सकता है।
7-7.9- यहां से तबाही की शुरुआत होती है। रिक्टर स्केल पर आंकड़ा 7 या इससे पार होता है, तो जनहानि हो सकती है। भवन गिर सकते हैं और जमीन पर दरारे आ जाती हैं।
8-8.9- बड़े स्तर पर तबाही हो सकती है। कई लोगों की जान जोखिम में बनी रहती है।
9 या इससे अधिक- जापान में 2011 में आए भूकंप की तीव्रता 9.1 थी। इस दौरान जमीन लहराती नजर आती है। वहीं सुनामी की संभावना रहती है।
नेपाल को भूकंप से ज्यादा नुकसान
नेपाल में भूकंप से सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। यहां के डोटी में एक मकान गिर गया। इस हादसे में 6 लोगों की जान चली गई। मृतकों में एक ही परिवार के 3 लोग शामिल हैं। भूकंप में घायल हुए लोगों को हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। सेना राहत और बचाव कार्य में जुट गई है।