एएनआई, नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी ने 1 जून को होने वाले एग्जिट पोल में हिस्सा ना बनने का फैसला लिया है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कांग्रेस के इस फैसले की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने नतीजों से पहले ही हार मान ली है, इसलिए सातवें चरण में इन पर वोट बर्बाद न करें।
उन्होंने कहा कि सातवें चरण के मतदान की पूर्व संध्या पर एग्जिट पोल में भाग न लेने का कांग्रेस का निर्णय इस बात की स्पष्ट पुष्टि करता है कि कांग्रेस ने 2024 के लोकसभा चुनाव स्वीकार कर लिए हैं। यह आश्चर्य की बात नहीं है, क्योंकि कांग्रेस आम तौर पर उस समय चुनाव से बाहर हो जाती है, जब उसे नतीजे अपने पक्ष में आने की उम्मीद नहीं होती है। उनका पाखंड किसी को भी हजम नहीं होता है। सातवें चरण में कोई भी उन पर अपना वोट बर्बाद न करें।
उन्होंने कहा कि सबसे अधिक चिंताजनक दुनिया की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक प्रक्रिया के प्रति कांग्रेस की नापसंदगी है, जिसमें 960 मिलियन से अधिक आकांक्षाओं की भागीदारी देखी गई। जब भारतीय अपने नेता का चुनाव कर रहे थे, जो उनका नेतृत्व करेंगे, उनके जीवन में सुधार करेंगे, अवसर और समृद्धि लाएंगे, तब कांग्रेस उस संस्थागत प्रक्रिया को कमजोर करने के लिए काम कर रही थी। चुनाव जीतने पर कांग्रेस ने ध्यान नहीं लगाया। वह बार-बार चुनावी प्रक्रिया को खराब करने में लगी रही। उसने बार-बार चुनाव प्रक्रिया के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस जीतती है तो उसे ईवीएम या चुनावी प्रक्रिया से कोई शिकायत नहीं होती। हिमाचल और तेलंगाना इसके ताजा उदाहरण हैं, लेकिन हार की उम्मीद होती है तो वह लगातार विलाप करना शुरू कर देती है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस का ईको सिस्टम भी हमारे संस्थानों और प्रक्रिया में लोगों के विश्वास को कम करने की सभी प्रयास करता है। वे सर्वोच्च न्यायालय को निशाना बनाते हैं। उन न्यायाधीशों को निशाना बनाते हैं, जो उनकी पसंद के अनुसार आदेश नहीं देते हैं। पत्रकारों पर हमला करते हैं, जो उनके चीयरलीडर्स बनने से इनकार करते हैं। भारत के चुनाव आयोग को कलंकित करते हैं।
उन्होंने कहा कि अब एग्जिट पोल का बहिष्कार करने का फैसला करके वे कई पेशेवर एजेंसियों अभ्यास पर सवालों उठा रहे हैं। उन्होंने हजारों सहयोगियों के साथ काम किया है। क्या कांग्रेस का तर्क है कि यह एक बड़ी साजिश है, जिसमें लाखों मतदाता शामिल हैं और इसका उद्देश्य अगले कुछ दिनों तक कांग्रेस का मजाक बनाना है। भारत की सबसे पुरानी पार्टी को उस बच्चे की तरह व्यवहार करना शोभा नहीं देता है, जिसका खिलौना छीन लिया गया हो। विपक्ष के सबसे बड़े राजनीतिक दल से एक निश्चित स्तर की परिपक्वता की उम्मीद की जाती है।