असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए PhD की अनिवार्यता खत्म, कोविड के कारण इस साल दी गई राहत
दो साल से कोविड-19 के कारण स्टूडेंट्स की पीएचडी पूरी नहीं हो पाई।
By Navodit Saktawat
Edited By: Navodit Saktawat
Publish Date: Wed, 29 Sep 2021 11:20:23 PM (IST)
Updated Date: Wed, 29 Sep 2021 11:26:38 PM (IST)
विश्वविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर भर्तियों के लिए पीएचडी (PhD) की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई है। अब बिना पीएचडी किए छात्र भी इस पद के लिए आवेदन कर सकते हैं। हालांकि यह राहत इसी सत्र में दी गई है। असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा और पीएचडी होना आवश्यक है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान (Dharmendra Pradhan) ने बुधवार को इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के कारण छात्रों ने राहत देने की मांग की थी। दो साल से कोविड-19 के कारण स्टूडेंट्स की पीएचडी पूरी नहीं हो पाई। शिक्षा मंत्री ने कहा, 'छात्रों के हित को देखते हुए यह फैसला लिया गया है।'
उन्होंने कहा कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों में प्रोफेसरों की नियुक्ति प्रक्रिया तेजी से चल रही है। ज्यादातर यूनिवर्सिटीज में खाली पदों को भरने के लिए वैकेंसी निकाल दी गई हैं। मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने आगे कहा कि शिक्षकों के खाली पदों को भरने की प्रोसेस पर निगाह रखें हुए है। अधिकारियों से लगातर इसके बारे में अपडेट ले रहा हूं। केंद्रीय विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के करीब 6,300 पद खाली हैं।