Chandrayaan-3: चंद्रयान-3 के लैंडर मॉड्यूल का हुआ चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर से सम्पर्क, 4 साल से चंद्रमा के काट रहा है चक्कर
Chandrayaan-3 Landing Updates Moon Mission: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अपने एक्स हैंडल पर बताया कि विक्रम लैंडर 23 अगस्त 2023 को भारतीय समय अनुसार शाम 6ः04 बजे चंद्रमा पर उतरने के लिए तैयार है।
By Arvind Dubey
Edited By: Arvind Dubey
Publish Date: Mon, 21 Aug 2023 07:50:24 AM (IST)
Updated Date: Mon, 21 Aug 2023 06:41:31 PM (IST)
इस सफलता के साथ भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला दुनिया का पहला देश बन जाएगा। HighLights
- अभी चांद की सबसे करीबी कक्षा में है चंद्रयान-3 का लैंडर
- 23 अगस्त को शाम 6.04 बजे चंद्रमा पर उतारने की तैयारी
- ISRO के मिशन पर पूरी दुनिया की नजर
श्रीहरीकोटा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र (ISRO) का चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) इतिहास रचने से चंद कदम दूर है। इंतजार हो रहा है चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सूर्योदय का। 23 अगस्त को सूर्य के पहली किरण के साथ ही विक्रम लैंडर (Vikram Lander) को चंद्रमा की धरती पर उतारने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
बड़ी कामयाबी: चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर से हुआ सम्पर्क
इस बीच, इसरो ने एक और बड़ी कामयाबी हासिल की है। इसरो ने अपने ताजा ट्वीट में जानकारी दी कि चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर और चंद्रयान-3 के लैंडर के बीच सम्पर्क हो गया है। चंद्रयान-2 चार साल पहले छोड़ा गया था और तब से चंद्रमा की कक्षा के चक्कर काट रहा है।
चंद्रयान ने भेजी तस्वीरें
इस बीच, इसरो ने चंद्रयान-3 की भेजी ताजा तस्वीरें जारी की हैं। इसरो ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा,
लैंडर हैजार्ड डिटेक्शन एंड एवाइडेंस कैमरा (एलएचडीएसी) ने यह तस्वीरें भेजी हैं। इस खास कैमरे को SAC https://sac.gov.in द्वारा तैयार किया गया है। यह कैमरा विक्रम लैंडर के नीचे उतरने के दौरान सुरक्षित लैंडिंग क्षेत्र का पता लगाएगा।
Chandrayaan-3 LIVE Updates ISRO Moon Mission: चंद्रयान-3 की लैंडिंग का होगा सीधा प्रसारण
चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग के आप भी साक्षी बन सकते हैं। इसरो ने कहा कि हर भारतीय को गौरवान्वित करने वाले इस घटनाक्रम का सीधा प्रसारण 23 अगस्त 2023 को भारतीय समयानुसार शाम 5ः27 बजे शुरू किया जाएगा। इसरो के वेबसाइट, इसके यूट्यूब चैनल, इसरो के फेसबुक पेज के साथ ही दूरदर्शन के नेशनल चैनल पर भी प्रसारण होगा।
चंद्रमा की दौड़ से बाहर हुआ रूस, अब भारत पर नजर
इससे पहले रविवार को रूस के लूना-25 के क्रैश होने के साथ ही रूस चंद्रमा की दौड़ से बाहर हो गया है। इससे यह संभावना बढ़ गई है कि भारत चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव पर पहुंचने वाला पहला देश बन लाएगा। लूना-25 को भारत से दो दिन पहले 21 अगस्त को चंद्रमा पर उतरना था।
चंद्रमा की अंतिम कक्षा में अभी विक्रम लैंडर घूम रहा है। यही चांद की सतह पर लैंड करेगा। सेफ लैंडिंग के बाद इसमें से रोवर प्रज्ञान निकलेगा, जो चंद्रमा की सतर पर घूमते हुए अध्ययन करेगा और वैज्ञानिकों को डेटा भेजेगा।
14 जुलाई को लांचिग के बाद अब तक के सभी पड़ावों को अपेक्षा के अनुरुप पार करते हुए चंद्रयान-3 ने शनिवार रविवार की मध्यरात्रि तकरीबन दो बजे अंतिम डीबूस्टिंग (धीमा करने की प्रक्रिया) पूरी कर ली। अब लैंडर (विक्रम) और रोवर (प्रज्ञान) से युक्त लैंडर माड्यूल चांद की सबसे करीबी कक्षा में पहुंच गया है। चंद्रमा से इसकी दूरी अब केवल 25 किमी है।
- चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित और सॉफ्ट लैंडिंग का प्रदर्शन करना
- रोवर को चंद्रमा पर घूमते हुए प्रदर्शित करना
- चंद्रमा की सतह पर वैज्ञानिक प्रयोगों का संचालन करना