Chandrayaan-3 News: चंद्रमा पर उतरने को तैयार विक्रम लैंडर, अब बस सूर्योदय का इंतजार
अब पूरी दुनिया को 23 अगस्त को इंतजार है, जब विक्रम लैंडर चंद्रमा की सतह पर उतरेगा।
By Arvind Dubey
Edited By: Arvind Dubey
Publish Date: Sun, 20 Aug 2023 08:13:00 AM (IST)
Updated Date: Sun, 20 Aug 2023 10:22:15 AM (IST)
विक्रम लैंडर की दूसरी डीबूस्टिंग का चरण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है। HighLights
- सोमवार को चंद्रमा पर लैंड होना है रूसी उपग्रह
- तकनीकी खामी के बाद मंडराए आशंका के बादल
- चंद्रयान-3 का विक्रम लैंडर 23 अगस्त को करेंगे सॉफ्ट लैंडिंग
श्रीहरिकोटा/मास्को। चंद्रमा (Moon Mission) पर पहुंचने की होड़ में भारत, रूस से आगे निकलता दिख रहा है। भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो (ISRO) ने जहां चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) लांच किया है, जो सटीक तरीके से अपने मिशन पर चल रहा है, वहीं रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस द्वारा छोड़े गए यान लूना-25 (Luna-25) में तकनीकी खामी आ गई है। रूस के इस यान को चंद्रयान से पहले चंद्रमा की सतह पर उतरना है।
अभी चंद्रयान-3 चांद की सतह से महज 25 किलोमीटर दूर है। लैंडर मॉड्यूल 23 अगस्त 2023 को शाम करीब 5.45 बजे चांद की सतह पर उतर सकता है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने कहा है कि अब मॉड्यूल की आंतरिक जांच की जाएगी। इसके बाद निर्धारित लैंडिंग स्थल (जहां विक्रम लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग होगी) पर सूर्योदय का इंतजार करना होगा।
भारत का मून मिशन चंद्रयान-3 चंद्रमा के और करीब पहुंच गया है। रविवार को दूसरी डीबूस्टिंग का चरण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया। अब पूरी दुनिया को 23 अगस्त को इंतजार है, जब विक्रम लैंडर चंद्रमा की सतह पर उतरेगा।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा,
लैंडिंग के लिए तैयार हो जाइए। चंद्रयान-3 का अंतिम डीबूस्टिंग ऑपरेशन सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है। लैंडर मॉड्यूल की कक्षा को 25 किमी x 134 किमी तक कम किया जा चुका है। जैसे ही लैंडर चंद्रमा के और करीब पहुंचेगा, उलटी गिनती शुरू हो जाएगी।
चंद्रमा पर भारत से पहले पहुंचने की कोशिशों में लगे रूस को लगा झटका
वहीं, चंद्रमा पर भारत से पहले पहुंचने की कोशिशों में लगे रूस को झटका लगा है। रूस के अंतरिक्ष यान Luna-25 में तकनीकी खराबी आ गई है। इसके चलते इसकी कक्षा नहीं बदली जा सकी।
रूस की अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस ने कहा कि उसके अंतरिक्ष वैज्ञानिक स्थिति का विश्लेषण कर रहे हैं। इस बारे में विस्तृत जानकारी नहीं दी गई है। लूना-25 को सोमवार को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरना था। इसके लिए लैंडिग से पहले कक्षा बदली जानी थी, लेकिन तकनीकी दिक्कत के कारण नहीं बदली जा सकी।
क्या होती है डीबूस्टिंग
- डीबूस्टिंग का मतलब है गति को कम करना।
- इस प्रक्रिया के जरिए यान को और चंद्रमा की एक और निचली कक्षा में उतारा जाएगा।