Chandrayaan-3 Mission Team: चंद्रमा पर सफल लैंडिंग कर भारत ने इतिहास रच दिया है। चंद्रयान-3 आज (बुधवार) शाम 06.04 मिनट पर चांद की सतह पर लैंड हुआ। देशभर में मून मिशन की कामयाबी के जश्न का माहौल है। पूरे देश और इसरो की टीम को पिछले चार सालों से इस गौरवान्वित पल का इंतजार था। इस मिशन को सफल बनाने के लिए वैज्ञानिकों ने सालों की मेहनत और रिचर्स की है। आगे हम आपको वैज्ञानिकों के बारे में बताएंगे। जिन्होंने चंद्रमा-3 मिशन की सफलता के लिए दिन-रात मेहनत की है।
चंद्रयान-3 मिशन के पीछे इसरो प्रमुख एस सोमनाथ का दिमाग है। इन्हें गगनान और आदित्य-एल1 सहित कई मिशनों को सफलतापूर्वक पूरा करने का श्रेय दिया जाता है। इससे पहले एस सोमनाथ ने विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र और तरल प्रणोदन प्रणाली केंद्र (इसरो) के लिए रॉकेट प्रौद्योगिकी के विकास के प्राथमिक केंद्र के निदेशक के रूप में जिम्मेदारी संभाली है।
पी वीरमुथुवेल ने चंद्रयान-3 प्रोजेक्ट निदेशक के रूप में 2019 में कार्यभार संभाला था। इससे पहले उन्होंने ISRO में स्पेस इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोग्राम कार्यालाय में उप-निदेशक के रूप में सेवाएं दी। वीरमुथुवेल तकनीकी कौशल के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने चंद्रयान-2 में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
वरिष्ठ वैज्ञानिक एस मोहन कुमार LVM3-M4 के निदेशक है। मोहन ने वन वेब इंडिया-2 उपग्रहों के वाणिज्यिक प्रक्षेपण के लिए निदेशक के रूप में काम किया है।
एस उन्नीकृष्णन नायर विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र के डायरेक्टर हैं। नायर और उनकी टीम पर चंद्रयान-3 के विभिन्न कार्यों की जिम्मेदारी थी। एस उन्नीकृष्णन नायर ने पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल, जियोसिंक्रोनस सैटेलाइल लॉन्च व्हीकल और एलवीएम3 के लिए एयरोस्पेस सिस्टम और सिस्टम डेवलपमेंट में योगदान दिया है। बता दें एलवीएम3 वहीं रॉकेट है। जिस पर इसरो ने चंद्रयान-3 उपग्रह को चांद पर भेजा है।
ए राजरानन लॉन्च ऑथराइजेशन बोर्ड के चेयरमैन हैं। राजराजन वर्तमान में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के निदेशक के रूप में कार्यरत हैं। उन्होंने कंपोजिट प्रोडक्ट्स के डिजाइन और डेवलपमेंट के क्षेत्र में काम किया है।
चंद्रयान-3 मिशन के प्रक्षेपण नियंत्रण संचालन की जिम्मेदारी चयन दत्ता के कंधों पर है। दत्ता यूआर राव सैटेलाइट सेंटर में वैज्ञानिक/इंजीनियर के रूप में कार्यरत हैं। वह मून मिशन के ऑन बोर्ड कमांड टेलीमेट्री, डेटा हैंडलिंग और स्टोरेज सिस्टम के लीडर हैं।
एम शंकरन इसको के उपग्रहों के डिजाइन, विकास और कार्यान्वयन के लिए यूआर राव सैटेलाइट सेंटर के डायरेक्टर है। शंकरन वर्तमान में कम्युनिकेशन, नेविगेशन, रिमोट सेंसिंग और मौसम विज्ञान में आवश्यकताओं को पूरा करने वाले उपग्रह का नेतृत्व कर रहे हैं।
चंद्रयान को चंद्रमा पर उतारने की जिम्मेदारी रितु कारीधाल के ऊपर है। रितु को रॉकेट वुमन ऑफ इंडिया के नाम से जाना जाता है। इसरो ने उन्हें चंद्रयान-3 का मिशन निदेशक बनाया है। कारीधाल चंद्रयान-2 समेत कई अंतरिक्ष मिशनों का हिस्सा रह चुकी हैं।