नई दिल्ली। Chandrayaan-3 News: भारत ने आज चांद पर इतिहास रच दिया है। इसरो के चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर की चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग सफलतापूर्वक पूरी हो गई है। इसरो ने अपने सीधे प्रसारण में इसकी जानकारी दी है।
दुनिया भर के कई ग्राउंड स्टेशन Chandrayaan-3 की निगरानी के साथ कम्युनिकेट कर रहे हैं। चंद्रयान के संचालन का नर्व सेंटर बेंगलुरु में मिशन ऑपरेशंस कॉमप्लेक्स है, जो इसरो टेलीमेट्री, ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क से जुड़ा है। कई अंतरिक्ष एजेंसियां इस अभियान में स्पेस एजेंसी की सहायता कर रही हैं।
मिशन ऑपरेशंस कॉमप्लेक्स जिस आईएसटीआरएसी से जुड़ा है। वहीं से निगरानी और कंट्रोल के साथ कमांड देने की व्यवस्था है। यही से सिग्नल्स, फोटोज और अन्य चीजें रिकॉर्ड हो रही हैं।
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सामान्य भाषा में समझे तो किसी सैटेलाइट को उसकी कक्षा में स्थापित कर देना ही रॉकेट प्रक्षेपण मिशन का सफल होना है। हालांकि मिशन की निगरानी की चलने वाली लगातार प्रक्रिया शुरू होती है। इसमें अंतरिक्ष यान की परफॉर्मेंस के पहलुओं पर नजर रखी जाती है।
किसी भी अंतरिक्ष यान को ठीक से काम करने के लिए पॉवर जेनरेट करने में सक्षम होना जरूरी है। उसके एंटीना पृथ्वी की ओर होना चाहिए। उसके सिस्टम और सेंसर काम करना चाहिए। उसे अंतरिक्ष में पहले से मौजूद मलबे और सौर तूफान से सुरक्षित रखा जाता है। किसी उपग्रह को कक्षा में स्थापित करने से लेकर ऑपरेशनल लाइफ खत्म तक अंतरिक्ष यान की लगातार निगरानी की जाती है।