Chandrayaan-3 Mission: अंधेरे में ही क्यों हुई चंद्रयान-3 की लैंडिंग, वजह है खास
Chandrayaan-3 Mission: बुधवार की शाम 5.30 बजे से 6.30 बजे के बीच चंद्रयान-3 लैंडर चांद की सतह पर उतर सकता है। इसका सही समय 06.04 मिनट रखा गया है।
By Kushagra Valuskar
Edited By: Kushagra Valuskar
Publish Date: Tue, 22 Aug 2023 07:27:14 PM (IST)
Updated Date: Tue, 22 Aug 2023 07:27:14 PM (IST)
चंद्रयान-3 मिशन HighLights
- चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग हुई।
- जानिए लैंडिंग के लिए भारतीय समयानुसार शाम का समय क्यों चुना गया।
Chandrayaan-3 Mission: भारत चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग कराने में सफल रह है। यह अंतरिक्षा महाशक्ति बनने की दिशा में बड़ा कदम है। रूस का लूना-25 क्रैश हो गया। अब भारत चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव पर लैंडिंग करने वाला पहला देश होगा। इससे पहले अमेरिका, रूस और चीन चांद पर स्पेसक्राफ्ट भेज चुके हैं, लेकिन कोई भी साउथ पोल पर लैंड नहीं हुआ। चंद्रयान-3 लैंडर चांद की सतह पर 06.04 मिनट पर लैंड हुआ।
इसरो ने क्यों चुना शाम का वक्त
जब चंद्रयान-3 की लैंडिंग होगी। तब भारत में शाम का वक्त होगा। देश के कई हिस्सों में शाम 6 बजे तक अंधेरा हो जाता है। ऐसे में सवाल उठता है कि लैंडर अंधेरे में ही क्यों चांद पर लैंड कर रहा है? लेकिन ऐसा नहीं है। लैंडर जब चंद्रमा पर लैंड करेगा तब चांद पर सूर्योदय का समय होगा।
इसरो चीफ डॉ. एस सोमनाथ ने बताया कि जिस वक्त विक्रम लैंडर चांद की सतह पर उतरेगा। वहां सूर्योदय का समय होगा, ताकि लैंडर को 14 से 15 दिनों तक सूर्य की रोशनी मिल सके।
चंद्रमा के दिनों के मुताबिक लैंडिंग का समय
चंद्रमा का एक दिन पृथ्वी की तुलना में 29 दिन बड़ा होता है। यहां 1 दिन पृथ्वी के 29 दिनों का होता है। धरती के 14 दिन के बराबर डेटाइम और 14 दिन डेनाइट होती है। इसका मतलब है कि जब लैंडर चांद की सतह पर उतरेगा। वहां सूर्योदय हो रहा होगा। ऐसे में विक्रम लैंडर और रोवर के 14 सूर्य की रोशनी मिलेगी।