नई दिल्ली। Chandrayaan 3 Land on Moon: चंद्रयान-3 ने चांद की सतह पर ठीक शाम 6.04 बजे लैंडिंग कर ली है। 140 करोड़ देशवासियों की प्रार्थना और इसरो के वैज्ञानिकों की मेहनत रंग ले आई है। अब दुनिया ही नहीं चांद भी भारत की मुट्ठी में है। स्पेस एजेंसी ने चांद पर परचम लहरा दिया है। अब बच्चे चांद की तरफ देखकर अपने भविष्य के सपने को पूरा करेंगे।
1. चंद्रमा का दक्षिणी ध्रुव बेहद अहम है। माना जाता है कि इस क्षेत्र में पानी मौजूद है। जहां भविष्य में इंसानों के बसने की उम्मीद है। इस मिशन के कामयाब होते ही भारत की स्पेस इंडस्ट्री को बड़ा उछाल मिलेगा। देश अंतरिक्ष शक्ति के रूप में उभरेगा।
2. चंद्रयान-3 अंतर-ग्रहीय मिशन के लिए नई तकनीक भी दिखाएगा। मिशन की कामयाबी से भविष्य के अन्य मिशन पर इसका असर पड़ेगा।
3. चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर में रोवर प्रज्ञान है। लैंडिग के बाद लैंडर से निकलेगा और रोवर चंद्रमा की सतह पर रासायनिक संरचना का विश्लेषण करेगा। चंद्रयान-3, चंद्रमा की सतह पर पानी की खोज करेगा। ये दक्षिणी ध्रुप की मिट्टी में पानी का पता लगाएगा।
4. रोवर अपने लेजर बीम का इस्तेमाल चांद की सतह के एक टुकड़े को पिघलाने के लिए करेगा। जिसे रेगोलिथ कहा जाता है। इस प्रक्रिया में उत्सर्जित गैसों का विश्लेष करेगा।
5. ब्रह्मांड के कुछ ग्रहों पर इंसानों के बसने को लेकर संभावनाओं पर अध्ययन जारी है। भारत समेत कई देशों का मंगल मिशन भी है। इस तरह चांद पर इंसानों के बसने की संभावना पर चर्चा होती रही है।
6. चंद्रयान-3 मिशन की सफलता के बाद भारत चंद्रमा की सतह और वहां के वातावरण के बारे में जानकारियां हासिल करेगा। साथ ही पता लगाया जाएगा कि चांद भविष्य में इंसानों के बसने लायक है या नहीं।
7. चंद्रयान-3 की सफलता से चांद पर पानी का पता लगने पर उससे ऑक्सीजन बनाने का विकल्प मिलेगा।
8. इसरो अब तक 34 देशों के 424 विदेशी सैटेलाइट्स को छोड़ चुका है। 104 सैटेलाइट एकसाथ छोड़ चुका है। वह भी एक रॉकेट से। चंद्रयान-1 ने चंद्रमा पर पानी खोजा है।
9. चंद्रयान-2 ऑर्बिटर पर काम कर रहा है। चंद्रयान-3 के लिए लैंडिंग साइट भी खोजी। चंद्रयान-3 की सफलता से इसरो दुनिया की सबसे बड़ी स्पेस एजेंसियों में शामिल होगी।
10. स्पेसक्राफ्ट्स में लगे यंत्रों का इस्तेमाल मौसम और संचार संबंधी सैटेलाइट्स में होता है। इन यंत्रों से लोगों की भलाई का काम होता है। संचार व्यवस्थाएं विकसित करने में भी मदद मिलती है।