देहरादून। शामली (उत्तर प्रदेश) के गांव सरनावली का रहने वाला अमित मलिक पुत्र यशपाल मलिक 13 साल पहले साधारण चोरी की घटना में माल समेत शामली पुलिस के हत्थे चढ़ा था। तब उसकी उम्र 16 साल थी। चोरी के मामले में जमानत पर छूटा, लेकिन कुछ दिन बाद फिर से एक और चोरी में धरा गया।
वर्ष 2001 में साधारण चोरियों से शुरू हुआ अमित का अपराध का सिलसिला एक साल बाद लूट तक जा पहुंचा। इसी बीच बदमाशों ने उसे भूरा उपनाम भी दे डाला। कुछ ही समय में वह कुख्यात सुनील राठी का सबसे ज्यादा विश्वासपात्र बन गया। भूरा ने अपराध की दुनिया में तेजी से अपना नेटवर्क बना लिया। वह एक के बाद एक संगीन वारदातों को अंजाम देने लगा।
उसके खिलाफ अभी तक पांच राज्यों में लूट, डकैती, डकैती में हत्या और हत्या के चार दर्जन मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। इसके चलते वह इन पांच राज्यों के लिए मोस्ट वांटेड बन गया। उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक अमित उर्फ भूरा के खिलाफ उत्तर प्रदेश में 20, दिल्ली में 14, उत्तराखंड में तीन, पंजाब में दो और हरियाणा में एक मुकदमा दर्ज है।
इनमें दिल्ली के मधु विहार थाना, गाजियाबाद के इंदिरापुरम, दिल्ली के मालवीय नगर, जनकपुरी, न्यू फ्रेंडस कालोनी, कीर्तिनगर व कल्याणपुरी थाने, मुजफ्फरनगर शहर कोतवाली, शामली, फुगना, बागपत अमी नगर सराए, नोएडा सेक्टर-58, दिल्ली क्राइम ब्रांच व पंजाब के गुरदासपुर थाने में दर्ज संगीन मामले भी शामिल हैं।
2010 में हुआ उत्तराखंड में सक्रिय
भूरा नवंबर 2010 में उत्तराखंड में सक्रिय हुआ। दून में उसने अपने कई साथियों के साथ मिलकर विशाल मेगा मार्ट में लाखों की डकैती को अंजाम दिया। मुकदमा डालनवाला थाना में दर्ज किया गया। इसके साथ ही उसे 2011 में गैंगस्टर में भी निरुद्ध कर दिया गया। इसके बाद रुड़की में इसी साल पांच अगस्त को उसने कुख्यात चीनू पंडित पर जेल के बाहर हमला किया जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई।