एजेंसी, नई दिल्ली (Bharat Bandh 21 August)। क्या 21 अगस्त 2024, बुधवार को भारत बंद का आह्वान किया गया है? सोशल मीडिया एक्स की मानें, तो इसकी जबरदस्त चर्चा हो रही है। एक्स पर ‘#21_अगस्त_भारत_बंद’ ट्रेंड कर रहा है।
आधिकारिक तौर पर ऐलान नहीं किया गया है, लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बहुजन संगठनों ने भारत बंद का ऐलान किया है। इसके पीछे आरक्षण पर पिछले दिनों आया सुप्रीम कोर्ट का फैसला है।
सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने 1 अगस्त को आरक्षण पर बड़ा फैसला दिया।
SC ने राज्यों को एससी और एसटी के भीतर सब-कैटेगरी बनाने की अनुमति दी।
पीठ ने कहा था, ‘आरक्षण में उनको प्राथमिकता मिले, जिनको वाकई जरूरत है।’
अब सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के विरोध में भारत बंद की बात कही जा रही है। कथित तौर पर भी सेना द्वारा बंद का आह्वान किया गया है। दावा किया गया है कि विभिन्न सामाजिक और राजनीतिक संगठन बंद का समर्थन कर सकते हैं।
भारत बंद (Bharat Bandh) का मुख्य उद्देश्य आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले की न्यायसंगतता पर प्रकाश डालना और इसे वापस लेने की मांग करना है।
पिछली बार फरवरी 2024 में किसानों ने भारत बंद का आह्वान किया था।
किसान संगठनों ने मांगों को लेकर 16 फरवरी को भारत बंद किया था।
हालांकि उक्त बंद का असर देश के अधिकांश हिस्से पर नहीं हुआ था।
पंजाब और हरियाणा में किसान आंदोलन से जनजीवन प्रभावित हुआ था।
भारत बंद के दौरान आपातकालीन सेवाएं चालू रहती हैं। एंबुलेंस को अनुमति होती है। अस्पताल और मेडिकल सेवाएं बहाल रहती हैं। वहीं, सार्वजनिक परिवहन बंद रहता है। निजी कार्यालय भी बंद रहते हैं।
भारत बंद का असर आम आदमी के जीवन पर पड़ता है। सबसे ज्यादा वो लोग प्रभावित होते हैं, जो दिहाड़ी मजदूरी करते हैं। हड़ताल के कारण काम बंद होता है। ठेकेदार अपने पैसे बचाने के लिए छुट्टी कर देता है। मजदूरों के लिए समस्या खड़ी हो जाती है कि शाम को खाने की व्यवस्था कैसे होगी।
वहीं, अधिकांश प्राइवेट कंपनियां भी छुट्टी होने के कारण अपने कर्मचारियों का वेतन काट लेती हैं। यातायात पर सबसे ज्यादा असर पड़ता है। यदि हिंसा फैल जाए तो सरकारी संपत्ति को भी नुकसान पहुंचता है।