Ayodhya Ram Temple: अयोध्या में श्री राम मंदिर के तीन मंजिला अधिरचना का निर्माण शुरू हो गया है। श्री राम मंदिर ट्रस्ट ने कहा है कि वर्तमान अनुमान के अनुसार मंदिर और परिसर की कुल निर्माण लागत लगभग 1,800 करोड़ रुपये होगी। दिसंबर 2023 तक न सिर्फ गर्भगृह बल्कि मंदिर का पूरा भूतल बनकर तैयार हो जाएगा। यह जानकारी श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने दी। उन्होंने मंदिर के निर्माण में लगे शिल्पियों, कार्य संगठन के विशेषज्ञों और ट्रस्ट के लोगों के साथ परामर्श के बाद यह बात कही है। वह सोमवार को अयोध्या के सर्किट हाउस में ट्रस्ट की दो दिवसीय बैठक के समापन पर पत्रकारों से बात कर रहे थे।
ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने स्पष्ट किया कि आवश्यक निर्माण दिसंबर 2023 में ही पूरा हो जाएगा, लेकिन गर्भगृह में रामलला की स्थापना के लिए उत्तरायण के लिए सूर्य की प्रतीक्षा की जाएगी और 2024 की मकर संक्रांति से सूर्य उत्तरायण होगा, तभी यह शुभ कार्य किया जाएगा। गर्भग्रह में राम लला की प्रतिष्ठा का पर्व एक माह पहले से शुरू हो जाएगा।
रामलला का परिक्रमा मार्ग करीब एक किलोमीटर लंबा होने का अनुमान है और इसी बात को ध्यान में रखते हुए न्यास की बैठक में तय किया गया कि परिक्रमा मार्ग पर निश्चित दूरी पर बैंच बनाए जाएं, ताकि भक्त आवश्यकतानुसार परिक्रमा मार्ग पर विश्राम कर सकें।
75 एकड़ के रामजन्मभूमि परिसर को भव्य राम मंदिर के साथ विश्व की सांस्कृतिक राजधानी के रूप में विकसित करने की योजना है। इसी क्रम में कई निर्माण भी प्रस्तावित हैं। ट्रस्ट की योजना है कि जरूरी निर्माण हो, लेकिन निर्माण कम हो और हरियाली पर ज्यादा जोर दिया जाए। बैठक में यह आदर्श वाक्य भी स्थापित किया गया कि निर्माण के दौरान सुंदरता कम नहीं होनी चाहिए। बैठक में मंदिर की विभिन्न रेलिंगों की नक्काशी की प्रकृति और मंदिर की स्थापना से जुड़ने वाली सीढ़ियों के आकार और प्रकार और उसमें प्रयुक्त धातु पर भी चर्चा की गई। जोर इस बात पर था कि यह एक ऐसी धातु हो जो बड़ी संख्या में लोगों के स्पर्श के बावजूद कम गंदी हो।