Amul vs Nandini Milk: जानिए, क्या है नंदिनी दूध का पूरा इतिहास, क्यों कर्नाटक में उठा विवाद
Amul vs Nandini: कर्नाटक में अमूल का विरोध हो रहा है। आरोप है कि बीजेपी गुजराती ब्रांड को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रही है।
By Kushagra Valuskar
Edited By: Kushagra Valuskar
Publish Date: Tue, 11 Apr 2023 12:12:51 PM (IST)
Updated Date: Tue, 11 Apr 2023 03:06:30 PM (IST)
Amul vs Nandini: कर्नाटक में अमूल का विरोध हो रहा है। आरोप है कि बीजेपी गुजराती ब्रांड को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रही है। Amul vs Nandini Milk: गुजरात की दूध मैन्युफैक्चरिंग कंपनी अमूल और कर्नाटक मिल्क फेडरेशन के स्वामित्व वाली नंदिनी मिल्क को लेकर राजनीतिक विवाद छिड़ गया है। कर्नाटक का एक बड़ा तबका अमूल का विरोध कर रहा है। आरोप लगाया है कि बीजेपी राज्य में स्वदेशी नंदिनी डेयरी उत्पादों के बजाय गुजराती ब्रांड को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रही है। ट्विटर पर भी यूजर्स #GOBackAmul और #SaveNandini जैसे हैशटैग का इस्तेमाल कर ट्वीट कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि अमूल डेयरी के आने से स्थानीय ब्रांड और किसान तबाह हो जाएंगे। अमूल पर अब कर्नाटक में हंगामा हो रहा है। विपक्षी नेताओं ने भाजपा पर निशाना साधा है। जनता से अपील की है कि अमूल के खिलाफ आगे आएं और किसानों के साथ खड़े हो जाएं। आइए जानते हैं नंदिनी मिल्क का पूरा इतिहास। इसकी शुरुआत कब हुई और क्या है पूरा विवाद।
कर्नाटक मिल्क फेडरेशन
- कर्नाटक मिल्क फेडरेशन (KMF) कर्नाटक की एक डेयरी सहकारी संस्था है, जो ब्रांड नाम नंदिनी के तहत दूध, दही, घी, मक्खन और मिठाई जैसे उत्पाद बेचती है। यह सहकारिता मंत्रालय कर्नाटक सरकार के स्वामित्व में दुग्ध उत्पादकों का एक संघ है। राज्य के हर जिले में दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियां है। यह अमूल के बाद देश की दूसरी सबसे बड़ी दुग्ध सहकारी संस्था है।
- कर्नाटक मिल्क फेडरेशन बनाने वाली पहली डेयरी सहकारी समितियों की शुरुआत 1955 में कोडागु जिले के कुडिगे से हुई थी। KMF की स्थापना 1974 में वर्ल्ड बैंक द्वारा संचालित डेयरी विकास परियोजना को लागू करने के लिए कर्नाटक डेयरी विकास निगम के रूप में की गई थी।
- 1984 में संगठन का नाम बदलकर केएमएफ कर दिया गया। KMF के कर्नाटक में 14 दुग्ध संघ है, जो प्राथमिक डेयरी सहकारी समितियों से दूध खरीदते हैं। वहीं प्रदेश के विभिन्न शहरी और ग्रामीण इलाकों में वितरित करते हैं।
केएमएफ को लेकर कर्नाटक में राजनीति होता रहा है। जिसमें अध्यक्ष पद के लिए चुनाव और दूध की कीमतों में बढ़ोतरी तक शामिल है। दिसंबर 2009 में पुनीत राजकुमार KMF के साथ निःशुल्क समझौते पर हस्ताक्ष किया थे। 2014 में श्रिया सरन को तमिलनाडु, केरल, तेलंगाना, आंधप्रदेश में नंदिनी गुड लाइफ प्रोडक्ट एंबेसडर के रूप में चुना गया था। नंदिनी के उत्पाद महाराष्ट्र, गोवा, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश और तमिलनाडु में भी बिकते हैं।
नंदिनी के डायरेक्टर ने कहा
नंदिनी के डायरेक्टर आनंद कुमार ने कहा कि हमारे दूध की गुणवत्ता अमूल से कहीं बेहतर है, लेकिन विज्ञापन के मामले में अमूल आगे है। उन्होंने कहा, 'राज्य के किसानों के पास ही कीमतों को कंट्रोल करने का अधिकार होना चाहिए। कुमार ने मांग की कि राज्य सरकार कंपनी को प्रति लीटर 5 से 10 रुपये अधिक चार्ज करने की अनुमति दें।
अमूल को लेकर विपक्षी नेताओं ने क्या कहा
- कर्नाटक में इस साल विधानसभा चुनाव है। ऐसे में अमूल को बढ़ावा देना राजनीतिक गलियारे में एक तूफान की झलक है। कांग्रेस के नेतृत्व वाला विपक्ष नंदिनी मिल्क को चुराने व राज्य व केंद्र पर आरोप लगा रहा है। नेता सिद्धारमैया ने कहा कि भाजपा कर्नाटक के जनता की प्रॉपर्टी बेचना चाहती है। उन्होंने कहा कि डबल इंजन वाली सरकार से सावधान रहें।
- कांग्रेस नेता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछा कि आप कन्नडिगाओं से पहले ही बैंकों, बंदरगाहों और एयरपोर्ट्स को चुरा चुके हैं। अब क्या हमसे नंदिनी चुराने की कोशिश कर रहे हैं।
- वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने कहा कि अमूल को भाजपा सरकार ने पिछले दरवाजे से राज्य में धकेल दिया है। अमूल KMF और किसानों का गला घोंट रहा है। कन्नड़ लोगों को विद्रोह करना चाहिए। हमें एकजुट होकर राज्य के किसानों के हितों की रक्षा करनी चाहिए।
16 जिलों के किसानों में नंदिनी मिल्क की पकड़
- कर्नाटक के 16 जिलों के करीब 26 लाख किसान केएमएफ के साथ जुड़े हैं। 2021-22 में नंदिनी ने 19,800 करोड़ का करोबार किया था। पहले इस संस्था के बड़े पदों पर जेडीएस नेता काबिज थे।
- पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के परिवार की हमेशा संस्थान पर निगाहें रही हैं। इलेक्शन के दौरान वोटर्स तक पहुंचने के लिए पार्टियां इसे हमेशा एक माध्यम के रूप में इस्तेमाल करते हैं।
- डीवी सदानंद गौड़ा ने CM बनने से पहले केएमएफ अध्यक्ष बनने का प्रयास किया था, लेकिन वह चुनाव हार गए।
- बीजेपी विधायक बालचंद्र जराकीहोली फिलहाल कर्नाटक मिल्क फेडरेशन के अध्यक्ष हैं।
अमूल और नंदिनी में किसका दूध सबसे सस्ता
नंदिनी डेयरी की दूध की कीमत सबसे कम 39 रुपये प्रति लीटर है। इस बीच अमूल ने कहा कि ताजा, गोल्ड और अन्य पैकेट बेंगलुरु में 54 रुपये प्रति लीटर और 64 रुपये प्रति लीटर में उपलब्ध होंगे।