नई दिल्ली। बॉलीवुड मेगास्टार अमिताभ बच्चन स्वच्छ भारत अभियान के "सिटी कांपोस्ट" (शहरी कचरे से खाद बनाना) अभियान का चेहरा होंगे। हालांकि इससे कुछ महीने पहले पनामा पेपर विवाद में नाम आने पर सरकार ने "अतुल्य भारत अभियान" के ब्रांड एंबेसडर के तौर पर उनके नाम की घोषणा को रोक लिया था।
शहरी विकास मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने शुक्रवार को अमिताभ से बात की और उन्हें मंत्रालय के इस प्रचार अभियान का चेहरा बनने के लिए राजी होने पर धन्यवाद दिया। अभियान का उद्देश्य शहरी ठोस कचरे से बनी खाद के इस्तेमाल के प्रति नागरिकों को प्रोत्साहित करना है। इस संबंध में जारी विज्ञप्ति के मुताबिक, मंत्रालय जल्द ही मेगास्टार को लेकर तैयार बहुमंचीय प्रचार अभियान की शुरुआत करेगा।
असहिष्णुता पर विवादित टिप्पणी के बाद अतुल्य भारत अभियान से आमिर खान के हटने के बाद इस आशय की खबरें थीं कि सरकार इस अभियान के लिए उनके साथ अनुबंध करने पर पुनर्विचार कर रही है। पर्यटन मंत्रालय के सूत्रों का कहना था कि पनामा पेपर लीक मामले में अमिताभ का नाम आने के बाद सरकार ने उनके नाम की घोषणा को रोक लिया था।
उम्मीद है कि अपनी नई भूमिका में अमिताभ बच्चन नागरिकों, नर्सरी मालिकों और बागवानी से जुड़ी संस्थाओं से अपने बागों, फार्म हाउस और जन उद्यानों में शहरी कचरे से बनी खाद के इस्तेमाल की अपील करते हुए नजर आएंगे।
इसके अलावा वह शैक्षणिक संस्थानों और होटलों जैसे थोक कचरा उत्पादकों से उनके परिसरों में विकेंद्रित खाद उपकरण लगाने और नागरिकों से खाद बनाने के लिए कार्बनिक कचरे को पृथक रखने की भी अपील करेंगे।
बता दें कि भारत में प्रतिदिन 1.54 लाख टन कचरा निकलता है। इसमें 50 प्रतिशत कचरा कार्बनिक होता है जिसे खाद (कांपोस्ट) और गैस में परिवर्तित किया जा सकता है। जबकि 30 प्रतिशत अकार्बनिक होता है जिसे ऊर्जा में परिवर्तित किया जा सकता है। देश में कचरे से सालाना 54 लाख टन कांपोस्ट बनाने की क्षमता है।