भागलपुर दंगा मामले में पुलिस मुख्यालय से रिपोर्ट तलब
संबंधित अफसरों के खिलाफ कार्रवाई के लिए संबधित राज्यों और केंद्र को अनुशंसा भेजी गई है।
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Publish Date: Tue, 30 Aug 2016 11:23:33 PM (IST)
Updated Date: Tue, 30 Aug 2016 11:25:51 PM (IST)
रांची। भागलपुर दंगा (1989-90) मामले की जांच के लिए गठित सांप्रदायिक दंगा न्यायिक आयोग की रिपोर्ट मिलने के बाद अब दोषी अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की कवायद शुरू की गई है। बताया जा रहा है कि 22 मामलों की जांच में आयोग ने कई अफसरों को दोषी माना है।
इसी आधार पर संबंधित अफसरों के खिलाफ कार्रवाई के लिए संबधित राज्यों और केंद्र को अनुशंसा भेजी गई है। घटना के समय जो अफसर भागलपुर में पदस्थापित थे, उनमें से कुछ अब बिहार और झारखंड के अलावा केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं।
भागलपुर में उस वक्त झारखंड कैडर के आइपीएस अधिकारी एमवी राव तत्कालीन एएसपी टाउन, पीआरके नायडू तत्कालीन एएसपी लॉ एंड आर्डर और हरिनारायण महली डीएसपी थे। फिलवक्त राव सीआरपीएफ के आंध्र प्रदेश सेक्टर के आइजी, पीआरके नायडू भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के चीफ सह एडीजीपी और महली एसपी (जैप नियुक्ति घोटाले के आरोप में निलंबित) हैं।
बताया जा रहा है कि घटना को लेकर जो मामले दर्ज हुए थे, उनका सुपरविजन राव, नायडू और महली के स्तर से किया गया था। रिपोर्ट को लेकर पुलिस मुख्यालय से गृह विभाग ने मंतव्य मांगा है। मंतव्य मिलने के बाद ही पता चलेगा कि उक्त अफसरों की भूमिका क्या थी और आयोग ने क्या कहा है।
उल्लेखनीय है कि करीब 26 साल पहले हुए दंगे के दौरान तत्कालीन भागलपुर शहर और भागलपुर जिले के 18 प्रखंडों के 194 गांवों में 1100 से ज्यादा लोग मारे गए थे। इस संदर्भ में भागलपुर कोतवाली, शाहपुर, रजौन, पीरपैंती, अमरपुर, शाहकुंड, जगदीशपुर और बेलहर सहित अन्य थानों में प्राथमिकी दर्ज की गई थी।