Aadhaar Voter ID Linking Deadline: आधार से वोटर आईडी को लिंक करने की डेडलाइन आगे बढ़ी, जानिए अब कब तक मौका
Aadhaar Voter ID Linking Deadline: पहले 1 अप्रैल 2023 आखिरी तारीख थी। अब 31 मार्च 2024 तक का समय दिया गया है।
By Arvind Dubey
Edited By: Arvind Dubey
Publish Date: Wed, 22 Mar 2023 01:19:29 PM (IST)
Updated Date: Wed, 22 Mar 2023 01:20:47 PM (IST)
Aadhaar Voter ID Linking Deadline Aadhaar Voter ID Linking Deadline: केंद्र सरकार ने आधार कार्ड और वोटर आईडी को लिंक करने की डेडलाइन आगे बढ़ा दी है। पहले यह काम 1 अप्रैल 2023 कर किया जाना था। अब इसके लिए 31 मार्च 2024 तक का समय दिया गया है।
बता दें. फर्जी मतदान और फर्जी वोटर आईडी की समस्या को खत्म करने के लिए वोटर आईडी और आधार को आपस में लिंक करने की व्यवस्था बनाई गई है। केंद्र ने स्पष्ट कर दिया है कि यह स्वैच्छिक है, अनिवार्य नहीं।
वहीं चुनाव आयोग के अनुसार, आधार कार्ड को मतदाता पहचान पत्र से जोड़ने से 'एक से अधिक निर्वाचन क्षेत्र में एक ही व्यक्ति का नाम नहीं हो सकेगा।
How to Link Aadhaar Card with Voter ID
- आधिकारिक जानकारी के मुताबिक, यूजर्स आधार को अपनी वोटर आईडी से ऑनलाइन या एसएमएस के माध्यम से लिंक कर सकते हैं।
- यह काम ऑनलाइन करने के लि ए राष्ट्रीय मतदाता सेवा पोर्टल (एनवीएसपी) की आधिकारिक वेबसाइट - nvsp.in पर जाएं।
- पोर्टल पर लॉग इन करें और होमपेज पर “मतदाता सूची में खोजें” विकल्प पर जाएं।
- व्यक्तिगत विवरण और आधार संख्या दर्ज करें।
- आधार विवरण दर्ज करने के बाद उपयोगकर्ताओं को पंजीकृत मोबाइल नंबर या ईमेल पर एक ओटीपी प्राप्त होगा।
- ओटीपी दर्ज करें। एक बार हो जाने के बाद, आपका वोटर आईडी कार्ड आधार कार्ड से लिंक हो जाएगा।
यूआइडीएआई ने 1.2 प्रतिशत आधार संचालकों का किया निलंबन
इस बीच, भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआइडीएआइ) ने दोषपूर्ण गतिविधियों में लिप्त रहने के आरोप में पिछले साल 1.2 प्रतिशत आधार केंद्र आपरेटरों को निलंबित कर दिया है। यूआइडीएआई ने कहा कि गलत कार्यों में लिप्त पाए जाने वाले आधार केंद्र संचालकों पर जरूरी दंडात्मक कार्रवाई भी की जाएगी।
प्राधिकरण से जुड़े हुए करीब एक लाख संचालक आधार कार्ड बनाने के साथ ही धारकों के नाम में संशोधन और पता बदलने जैसी सेवाएं देते हैं। साथ ही यूआइडीएआइ ने कहा कि उसने प्रतिदिन एक मशीन पर किए जाने वाले पंजीकरण की संख्या भी सीमित कर दी है। संचालक आधार प्रणाली का दुरुपयोग नहीं कर सकें, इसके लिए यह कदम उठाया गया है।