Agni 4 Missile: ओडिशा के एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से परमाणु सक्षम अग्नि 4 इंटरमीडिएट-रेंज बैलिस्टिक मिसाइल का सोमवार को प्रशिक्षण किया गया। रक्षा मंत्रालय ने एक संक्षिप्त बयान में कहा कि परीक्षण शाम 7.30 बजे किया गया। अग्नि 4 का सफल परीक्षण भारत की विश्वसनीय न्यूनतम प्रतिरोधक क्षमता की नीति की पुष्टि करता है।
रक्षा मंत्रालय ने कहा
इंटरमीडिएट-रेंज बैलिस्टिक मिसाइल, अग्नि-4 का सफल प्रशिक्षण प्रक्षेपण 6 जून को लगभग 19.30 बजे एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप ओडिशा से किया गया था। सफल परीक्षण सामरिक बल कमान के तत्वावधान में किए गए नियमित उपयोगकर्ता प्रशिक्षण लॉन्च का हिस्सा था। MoD ने कहा कि सफल परीक्षण विश्वसनीय न्यूनतम प्रतिरोध क्षमता रखने की भारत की नीति की पुष्टि करता है।
स्वदेशी रक्षा खरीद प्रस्तावों को मंजूरी
वहीं सोमवार को रक्षा मंत्रालय से जुड़ी रक्षा खरीद परिषद ने 76,390 करोड़ रुपये के रक्षा खरीद प्रस्तावों को मंजूरी दी। रक्षामंत्री राजनाथ सिह की अध्यक्षता में हुई डीएसी की बैठक में तीनों सेनाओं से जुड़े पूंजी अधिग्रहण प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई। स्वदेशी रक्षा खरीद और निर्माण को प्रोत्साहित करने से जुड़े इस अहम फैसले से भारतीय रक्षा उद्योग को पर्याप्त बढ़ावा मिलेगा और विदेश से खरीदी पर खर्च में काफी कमी आएगी।
A successful training launch of an Intermediate-Range Ballistic Missile, Agni-4, was carried out at approximately 1930 hours today from APJ Abdul Kalam Island, Odisha. The launch validated all operational parameters as also the reliability of the system: Defence Ministry pic.twitter.com/bcwOs2KkXU
— ANI (@ANI) June 6, 2022
सेना के लिए इन प्रस्ताव को मंजूरी
सेना के लिए स्वदेशी डिजाइन और विकास पर जोर देते हुए घरेलू स्त्रोतों के माध्यम से रफ टेरेन फोर्क लिफ्ट ट्रक्स, ब्रिज बिछाने वाले टैंक, पहिएदार बख्तरबंद लड़ाकू वाहन के साथ एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलें और वेपन डिटेक्टिग रडार की खरीद के लिए प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।
नवीनतम तकनीक का इस्तेमाल
नौसेना के लिए लगभग 36,000 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत पर अगली पीढ़ी के कार्वेट (एनजीसी) की खरीद के लिए प्रस्ताव को स्वीकृति दी है। यह एनजीसी विभिन्न प्रकार की भूमिकाओं जैसे निगरानी मिशन, अनुरक्षण संचालन, शक्ति संतुलन, सरफेस एक्शन ग्रुप ऑपरेशंस, खोज एवं हमले और तटीय रक्षा के लिए बहुमुखी मंच होंगे। एनजीसी का निर्माण पोत निर्माण की नवीनतम तकनीक का उपयोग करके भारतीय नौसेना के नए इन-हाउस डिजाइन के आधार पर किया जाएगा।