
नई दिल्ली। एक नए अध्ययन में सामने आया है कि देश में करीब 14 फीसद शहरी आबादी को कब्ज की शिकायत है। बवासीर, अल्सर, पेट में दर्द, जैसी समस्याएं कब्ज की वजह से पैदा होती हैं। मगर, विशेषज्ञों का कहना है कि दिल के दौरे और स्ट्रोक भी कब्ज के मरीजों को होने वाली आम परेशानी बनते जा रहे हैं।
कब्ज की शिकायत होने पर व्यक्ित को मल त्याग करने में जोर लगाना पड़ता है, नतीजतन खून का दौड़ाव धीमा हो जाता है, जिससे खून का थक्का बनता है। सर गंगाराम अस्पताल के डिपार्टमेंट ऑफ लैप्रोस्कोपिक एंड जनरल सर्जरी के उपाध्यक्ष डॉक्टर ब्रज अग्रवाल का कहना है कि ऐसा होने पर कुछ मामलों में हार्ट अटैक और स्ट्रोक आने का खतरा पैदा हो जाता है।
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डॉक्टर अग्रवाल ने बताया कि सुबह के समय पड़ने वाला दिल का दौरा कब्ज के रोगियों में आम है। दुनियाभर में करीब 10 फीसद लोग इस बीमारी से पीडि़त हैं। 45 से 65 आयु वर्ग के 20 फीसद लोग गंभीर कब्ज की समस्या से जूझ रहे हैं।
देश की बात करें, तो मुंबई और कोयम्बटूर में हर 10 में से दो व्यक्ित कब्ज की गंभीर समस्या से पीडि़त हैं। दिल्ली और कोलकाता में यह दर 13 फीसद है। हालांकि, लखनऊ और हैदराबाद जैसे शहरों में कब्ज के रोगियों की संख्या कम है।
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आंकड़ों के अनुसार कब्ज की समस्या से परेशान हैदराबाद में करीब 81 फीसद और लखनऊ में करीब 85 फीसद लोग लगातार तीन-तीन दिनों तक मल त्याग नहीं कर पाते हैं, जो इस समस्या की गंभीरता को दर्शाता है।
विशेषज्ञों के अनुसार, नॉनवेज फूड के खाने में तेजी, कम पानी पीने, तली हुई चीजें, तेल-मसाले, जंक फूड और प्रोसेस्ड फूड के अधिक सेवन से कब्ज की शिकायत हो सकती है। इसके अलावा बदली लाइफ स्टाइल का भी कब्ज की समस्या से सीधा संबंध है।