Ganesh Visarjan : इन दिनों पूरे देश भर में गणेशोत्सव मनाया जा रहा है। जहां मध्य एवं उत्तर भारत में यह दस दिनी पर्व होता है वहीं महाराष्ट्र में यह उत्सव तीन दिन में पूरा हो जाता है। तीन दिन बाद यहां गणपति विसर्जन कर दिया जाता है। मुंबई की बात करें तो यहां जहां घरेलू गणेश की मूर्तियों के विसर्जन की संख्या में एक तिहाई की कमी आई है, वहीं सार्वजनिक गणपति के विसर्जन की संख्या में इस साल बढ़ोतरी हुई है। लेकिन घर पर और समाज के परिसर में बड़ी संख्या में विसर्जन हुए हैं। इस वर्ष भी कृत्रिम झीलों में गणपति विसर्जन के अनुपात में वृद्धि हुई है। आंकड़ों की बात करें तो यहां औसतन एक लाख से अधिक घर और 20 हजार से अधिक सार्वजनिक गणेश प्रतिमाएं हर साल 11 दिनों की अवधि में विसर्जन के लिए प्राकृतिक और कृत्रिम विसर्जन स्थल पर आती हैं। पिछले साल, 61 हजार घर और 201 सार्वजनिक गणेश की मूर्तियाँ डेढ़ दिन के बाद विसर्जित हुईं। इस साल घरेलू गणेश की संख्या घटकर केवल 40 हजार रह गई।
लेकिन इस वर्ष सार्वजनिक गणेश की संख्या 201 से बढ़कर 978 हो गई। जोगेश्वरी के नगरसेवक राजुल पटेल ने कहा कि यह संख्या केवल पंडालों के पास विसर्जन के समय ही हो सकती है। कई छोटे सावर्जनिक गणेश उत्सव मंडलों ने विसर्जन के लिए जल्दी समय चुना क्योंकि मौजूदा दौर में सामाजिक संतुलन के कई नियम हैं। यह नियम घरेलू मूर्तियों पर भी लागू होता है। कई भक्त मिट्टी की मूर्ति लेकर आए और विसर्जन एक घर पर ही हुआ।
यहाँ तक कि विलेपार्ले, दादर, गिरगाँव क्षेत्र में कई हाउसिंग सोसाइटी ने पहली बार परिसर में विसर्जन स्थलों की व्यवस्था की। 8 भवनों और 140 फ्लैटों वाली दादर की इंद्रवदन सोसायटी के समिति सदस्यों ने सोसायटी के परिसर के भीतर कृत्रिम विसर्जन स्थल की व्यवस्था की। कार्यकारी सदस्य महेश फड़के ने बताया, इसके लिए एक महीने पहले इसके बारे में फैसला किया गया एवं सदस्यों को सूचित किया गया। सभी 27 मूर्तियों में से 12 मूर्तियाँ रविवार को विसर्जन के लिए आईं।
हर मूर्ति के लिए एक कार्यक्रम बनाया ताकि विसर्जन स्थल पर लोग ठीक प्रकार से आरती कर सकें। उन्होंने कहा कि समाज 100 से अधिक वर्षों से सार्वजनिक गणपति उत्सव मना रहा है और इस वर्ष पहली बार समाज में गणेश विसर्जन होगा। विलेपर्ले ईस्ट के स्थानीय कॉर्पोरेटर अभिजीत सामंत ने बताया, "कई हाउसिंग सोसाइटी ने परिसर में विसर्जन स्थल की व्यवस्था की है ताकि सामाजिक दूरी को मेंटेन किया जा सके।