मुंबई। मुंबई में कॉलेज की ओर से हिजाब पहनने पर लगाई गई पाबंदी के बाद छात्रा ने बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। तीन साल तक कॉलेज प्रशासन से लड़ाई लड़ने के बाद जब छात्रा को न्याय नहीं मिला, तो वह कोर्ट की शरण में गई है।
उसे जून में होने वाले रिपीटर परीक्षा में शामिल होने से भी रोका जा रहा है, क्योंकि उसकी अटेंडेंस कम है। बांद्रा की रहने वाली फाकेहा बादामी ने 2016 में भिवंडी स्थित साई होम्योपथी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लिया था। यह कॉलेज महाराष्ट्र यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंस (एमयूएचएस) से संबद्ध है।
कॉलेज ने फाकेहा को हिजाब पहनकर कॉलेज नहीं आने को कहा था। इस वजह से उसे लेक्चर अटेंड करने से रोक दिया जाता था। इस मामले में आयुष मंत्रालय ने कॉलेज प्रशासन को मामला सुलझाने का निर्देश दिया है।
मंत्रालय ने कहा कि कॉलेज किसी छात्रा को हिजाब नहीं पहनने के लिए मजबूर नहीं कर सकता क्योंकि यह सामाजिक न्याय का अनादर है। मगर, कॉलेज प्रशासन पर इसका कोई असर नहीं पड़ा। नवंबर 2017 में जब फाकेहा ने पहली बार हाई कोर्ट का रुख किया, तब तक परीक्षा खत्म हो चुकी थी।
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इसके बाद 12 मार्च 2018 को कॉलेज ने फाकेहा को लेक्चर अटेंड नहीं करने देने की बात से इंकार कर दिया। 19 मार्च को कोर्ट की ऑर्डर कॉपी के साथ पहुंचने पर फाकेहा को क्लास अटेंड करने दिया गया। 28 मार्च को कॉलेज ने MUHS को लेटर लिख बताया कि स्टूडेंट ने केवल 6 दिन क्लास अटेंड की है, ऐसे में क्या उसे परीक्षा में शामिल करना चाहिए।
इस पर एमयूएचएस ने जरूरी अटेंडेंस क्राइटेरिया नहीं होने की बात कही। इसके बाद फाकेहा ने फिर से कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। जस्टिस शाहरुख काठवाला और अजय गडकरी की बेंच ने फाकेहा की वकील सारीपुत्ता सारनाथ को कॉलेज को नोटिस भेजने का निर्देश दिया। मामले की अगली सुनवाई शुक्रवार को होनी है।