मानसून के मौसम में बादामी उन जगहों में शुमार है जहां की रंगत ही बदल जाती है। जरा कल्पना कीजिए कि आप किसी ऐसी जगह हैं जहां एक 1500 वर्ष पुराना मंदिर अपनी स्थापत्य कला की सुंदरता के साथ खड़ा है, और इसके चारों तरफ एक झील है। आसपास ऊंची पहाड़ियां हैं जिनसे झरने फूट रहे हैं। यह कल्पना बादामी में साकार होती है। बादामी कर्नाटक राज्य की एक बेहद खूबसूरत जगह है जहां हम पत्थरों का संगीत सुनते हैं, मंदिर के रूप में भी और इठलाते झरनों के रूप में भी।
बारिश के मौसम में इस जगह का स्वरूप और भी निखरउठता है। वैसे यह जगह इतिहास में भी अपनी विशेष जगह रखती है। 540 ईसवी से 757 ईसवी तक दक्षिण भारत के चालुक्य राजवंश की राजधानी रहा बादामी वर्तमान समय में अपनी ऐतिहासिक धरोहरों के लिए ख्यात है। इस ऐतिहासिक नगरी को कभी 'वातापी' नाम से भी जाना जाता था। 500 ईसवी में चालुक्य साम्राज्य की स्थापना के बाद राजा पुलक्षी ने यहां किले का निर्माण करवाया और वातापी का को राज्य की राजधानी घोषित कर दिया था। आज यही बादामी कई पुरातात्विक स्मारकों के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। यहां की अधिकांश संरचनाओं को बनाने में विशिष्ट द्रविड़ वास्तुशिल्प शैलियों का उपयोग किया गया है। यह शहर सिर्फ चालुक्य बल्कि विजयनगर साम्राज्य, आदिलशाही राजवंश, मुगल, मराठा, मैसूर साम्राज्य और अंग्रेजों जैसे प्रभाव झेल चुका है।
जो लोग बादामी पहुंचते हैं वे यहां के वैभव के बारे में अनुमान ही लगाते रह जाते हैं कि एक समय यह जगह कैसी रही होगी। बादामी के बीचोंबीच पहुंचने के बाद यहां के सभी प्रमुख आकर्षणों तक पैदल ही पहुंचा जा सकता है। यहां कई रिक्शा भी मिल जाते हैं जो आपको यहां से वहां पहुंचाने का काम करने को सहर्ष तैयार रहते हैंऔर बदले में बहुत मामूली पैसा मांगते हैं। सबसे अच्छा तरीका यहां यह भी हो सकता है कि आप पूरे दिन के लिए एक ऑटो रिक्शा कर लें जो आपको सभी जगह घुमा दे। रेल्वे स्टेशन से ही आपको ऑटो रिक्शा की सुविधा मिल जाती है।
बादामी के सभी प्रमुख आकर्षणों को निहारने में आपको कम से कम 6 घंटे का समय लगेगा। अगर आपने लोकप्रिय जगहों के अलावा अन्य जगहों को देखने का विचार भी बना रखा है तो आपको ज्यादा समय भी लग सकता है। सुबह के समय और शाम के प्रकाश में सभी मंदिर समूहों पर की गई फोटोग्राफी बेहद सुंदर बन पड़ती है। पट्टडकल में अधिकतम दो घंटे का समय लगता है तो ऐहोल में 4-5 घंटे का समय लग जाता है।