Yog Aasan:पादहस्तासन अभ्यास करने से सिर पर ज्यादा मात्रा में पहुंचती है रक्त व आक्सीजन
Yog Aasan: ये आसन हाई ब्लड प्रेशर, अस्थमा, नपुंसकता, साइनोसाइटिस और ऑस्टियोपोरोसिस को ठीक करता है।
By Manoj Kumar Tiwari
Edited By: Manoj Kumar Tiwari
Publish Date: Fri, 28 Apr 2023 09:28:49 AM (IST)
Updated Date: Fri, 28 Apr 2023 09:28:49 AM (IST)
बिलासपुर(नईदुनिया प्रतिनिध)। योग में पादहस्तासन अभ्यास करने पर सिर दिल के नीचे होता है। इस वजह से रक्त का प्रवाह पैरों में होने की बजाय सिर की तरफ होने लगता है। इससे दिमाग में रक्त और आक्सीजन ज्यादा मात्रा में पहुंचती है।
योग विशेषज्ञों का कहना है कि पादहस्तासन मध्यम कठिनाई वाला हठ योग की शैली का आसन है। इसका अभ्यास दस से पंद्रह सेकेंड ही करना चाहिए। इसमें किसी दोहराव की आवश्यकता नहीं होती है। इससे हिप्स, हैमस्ट्रिंग, और काव्स पर खिंचाव आता है, जबकि घुटने और जांघें मजबूत हो जाती हैं।
ये सिर से लेकर पैर तक पूरे हिस्से पर प्रभाव डालता है। इस आसन का विस्तार शरीर में पीठ के निचले, मध्य और ऊपरी हिस्से तक है। गर्दन से आसन का प्रभाव सिर तक जाता है। फिर माथे तक, और भौंहों के बीच में समाप्त होता है।
इस दौरान शरीर की मांसपेशियां और संयोजी ऊतक पूरे विस्तार में फैल जाते हैं। पादहस्तासन करने से पहले शरीर को वार्म-अप करना न भूलें। इस अभ्यास का फायदा यह है कि पीठ, हिप्स, पिंडली और टखनों को अच्छा स्ट्रेच देता है। दिमाग को शांत करता है और एंग्जाइटी से राहत देता है।
सिरदर्द और इंसोम्निया की समस्या होने पर आराम देता है। पेट के भीतरी पाचन अंगों को अच्छी मसाज देकर पाचन सुधारता है। किडनी और लिवर को सक्रिय करता है। जांघों और घुटनों को भी मजबूत बनाता है। ये आसन हाई ब्लड प्रेशर, अस्थमा, नपुंसकता, साइनोसाइटिस और ऑस्टियोपोरोसिस को ठीक करता है।