हेल्थ डेस्क, इंदौर। मौसम में ठंडक अब धीरे-धीरे बढ़ रही है और इस मौसम में कई तरह के फल और सब्जियां उपलब्ध रहती है तो शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाने में काफ मददगार होती है। इसमें एक ऐसा ही फल है सिंघाड़ा, जिसा सर्दियों में सेवन काफी फायदेमंद होता है। पोषक तत्वों से भरपूर सिंघाड़े को वॉटर चेस्टनट, पानीफल या बफेलो नट भी कहा जाता है।
इंदौर स्थित अष्टांग आयुर्वेद कॉलेज के डॉ. अखिलेश भार्गव के मुताबिक, आयुर्वेद में सिंघाड़े को भैंस के दूध के समान गुणकारी बताया गया है। पेट संबंधी समस्याओं के समाधान के लिए सिंघाड़े का प्रयोग आमतौर पर किया जाता है। वहीं यह डायरिया और दस्त की समस्या में भी राहत देता है।
सिंघाड़ा एंटीऑक्टीडेंट गुणों से भरपूर होता है और सर्दियों में मौसम में त्वचा की सेहत के लिए भी फायदेमंद होता है। सिंघाड़ा सर्दियों में स्किन पर झुर्रियां नहीं आने देता है। वहीं एक्जिमा जैसी स्किन डिजीज से भी बचाता है। ठंड के मौसम में दि आप सर्दी, खांसी या ब्रोंकाइटिस जैसी परेशानी से जूझ रहे हैं तो सिंघाड़ा खाना फायदेमंद होता है।
सिंघाड़े में वसा बिल्कुल भी नहीं होती है। ऐसे में यह पाचन में भी आसान फल है। 100 ग्राम सिंघाड़े से शरीर को 110 कैलोरी मिल सकती है। कार्बोहाइड्रेट से भरपूर सिंघाड़ा सूजन कम करने में मददगार होता है।
पीलिया से पीड़ित लोगों के लिए सिंघाड़ा बहुत उपयोगी है। आमतौर पर पीलिया शरीर को बहुत कमजोर बना सकता है और शरीर का तरल पदार्थ तेजी से कम हो सकता है। ऐसे में यदि पीलिया के दौरान सिंघाड़े का सेवन किया जाता है तो पीलिया के रोगियों को राहत मिलती है। एंटीवायरल और जीवाणुरोधी गुण होने के कारण यह कैंसर, थकान, अनिद्रा और खराब स्वाद की समस्या को भी दूर करता है।