Sugar Vs Mishri: मिश्री बनाने में होता है ताड़ के रस का उपयोग, शक्कर से ज्यादा फायदेमंद, जानें अंतर
Sugar Vs Mishri भारत में मिश्री को उपयोग आमतौर पर पूजा-पाठ में प्रसाद के तौर पर ज्यादा किया जाता है।
By Sandeep Chourey
Edited By: Sandeep Chourey
Publish Date: Mon, 12 Jun 2023 03:13:04 PM (IST)
Updated Date: Mon, 12 Jun 2023 10:17:48 PM (IST)
Sugar Vs Mishri। हम घरों में आमतौर पर रोजमर्रा खानपान में चीनी (शक्कर) का उपयोग करते हैं, वहीं इससे अलावा पूजा में उपयोग में आने वाली मिश्री भी खाते हैं। अक्सर लोगों में मन में यह सवाल उठता है कि आखिर शक्कर और मिश्री में अंतर क्या होता है। शक्कर जहां बारीक दानों में होती है, वहीं मिश्री की सफेद बड़ी डल्लियां मिलती है। क्या शक्कर और मिश्री में सिर्फ आकार का ही अंतर होता है? जबकि वास्तविकता इससे काफी अलग है।
भारत में मिश्री के कई नाम
भारत में मिश्री को उपयोग आमतौर पर पूजा-पाठ में प्रसाद के तौर पर ज्यादा किया जाता है। शक्कर की तुलना में मिश्री को ज्यादा शुद्ध माना जाता है क्योंकि मिश्री के निर्माण में किसी भी तरह के केमिकल का उपयोग नहीं किया जाता है। भारत में मिश्री को खांड, कालकंडू और रॉक कैंडी आदि नामों से जाना जाता है।
ताड़ के रस का भी इस्तेमाल
चीनी और मिश्री दोनों ही गन्ने के रस से बनाए जाते हैं लेकिन शक्कर को जहां शुगर मिल्स में अलग-अलग केमिकल के साथ प्रोसेस कर तैयार किया जाता है, वहीं मिश्री एक प्राकृतिक चीनी हैं, जो बगैर रसायनों के तैयार की जाती है। मिश्री के निर्माण में ताड़ के पेड़ के रस का इस्तेमाल किया जाता है। यही कारण है कि शक्कर और मिश्री के स्वाद में हल्का का अंतर होता है।
ऐसे तैयार की जाती है मिश्री
आयुर्वेद में खानपान की सभी चीजों के गुण दोषों का विस्तार से जिक्र किया गया है। मिश्री के फायदों के कारण ही कई आयुर्वेदिक दवाओं में मिश्री का उपयोग होता है। सफेद मिश्री को सावधानीपूर्वक कई चरणों में तैयार जाता है। गन्ने के रस को उबालने के साथ ही मिट्टी के बर्तनों में अंधेरी जगह में ठंडा किया जाता है। उबली हुई गन्ने के रस को क्रिस्टालाइज करने के लिए एक खास पौधे की जड़ें भी डाली जाती है। एक निश्चित समय के बाद अंधेरे स्थान में रखे बर्तनों को खोला जाता है। चीनी को सफेद दिखाने के लिए इसमें दूध भी मिलाया जाता है।
मिश्री खाने में क्यों ज्यादा फायदेमंद
शक्कर की तुलना में मिश्री का घनत्व कम होता है, जो इसे हल्का और पाचन में आसान बनाता है। मिश्री एक अच्छा माउथ फ्रेशनर होने के साथ ही डाइजेस्टिव सिस्टम को भी बूस्ट करता है और एनर्जी बूस्टर है। यही कारण है खाने के बाद सौंफ के साथ मिश्री खाने की सलाह दी जाती है।