लाइफस्टाइल डेस्क, इंदौर। हर भारतीय किचन में मसाले के रूप में हल्दी पाउडर का उपयोग जरूर होता है। हल्दी जहां कई औषधीय गुणों से भरपूर होती है, वहीं यह शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाने में भी काफी मददगार होती है। हल्दी पाउडर की तुलना में तुलना में कच्ची हल्दी सेहत के लिए ज्यादा गुणकारी होती है। इंदौर स्थित अष्टांग आयुर्वेद कॉलेज के डॉ. अखिलेश भार्गव इस बारे में विस्तार से जानकारी दे रहे हैं।
हल्दी के गुणों के बारे में आयुर्वेद में विस्तार से जिक्र मिलता है। कच्ची हल्दी भी कई गुणों से भरपूर होती है। यह शरीर में सूजन को कम करने में सहायक होती है। साथ ही यह घाव भरने में भी मददगार होती है, क्योंकि एंटीसेप्टिक गुण होता है। यही कारण है पुराने जमाने में घाव भरने के लिए कच्ची हल्दी का पेस्ट लगाया जाता था।
कच्ची हल्दी में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। कच्ची हल्दी को यदि गर्म पानी के साथ सेवन किया जाता है तो यह शरीर की इम्यूनिटी को बढ़ाती है और टॉक्सिन को बाहर निकालने में मदद करती है। कच्ची हल्दी को शहद के साथ इस्तेमाल करने पर ज्यादा गुणकारी होती है।
कच्ची हल्दी में एंटी बैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण भी होते हैं तो शरीर को रोगों से लड़ने में मदद करते हैं। रोज रात में सोते समय 1 कप दूध को कच्ची हल्दी के साथ उबालने के बाद सेवन करना चाहिए। ऐसा करने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है। कई मौसमी बीमारियों से भी बचा जा सकता है।
कच्ची हल्दी पाचन तंत्र को बेहतर काम करने में मदद करती है। यह अपच और सूजन के लक्षणों को कम करने में भी मदद करती है। आंत के स्वास्थ्य को बढ़ावा मिलता है। कच्ची हल्दी शरीर का मेटाबॉलिज्म बूस्ट करती है। शरीर का वजन कम करने में सहायक होती है। कच्ची हल्दी बुजुर्गों के लिए विशेष लाभकारी होती है। उम्र बढ़ने पर अधिकांश लोगों में गठिया और मांसपेशियों में दर्द जैसी समस्या होने लगती है। इन रोगों के इलाज के लिए हल्दी का उपयोग दवा के रूप में किया जाता है। इसके अलावा कच्ची हल्दी का पेस्ट स्किन पर लगाने से निखार आता है और चेहरे पर मुंहासों आदि की समस्या से छुटकारा मिलता है।