नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। मोटे अनाज को स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक माना जाता है। यह स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद तो है ही, न्यूट्रिशन से भी भरपूर है। यही कारण है कि सरकार भी मोटे अनार यानी मिलेट्स को प्राथमिकता दे रही है।
मोटे अनाज की यही खासियत अब इंदौर में स्टार्टअप का रूप ले रही है। लोगों की सेहत का ध्यान रखते हुए अब ऐसे कई स्टार्टअप कम कर रहे हैं, जो मिलेट्स से बने उत्पादों को प्रमोट कर रहे हैं। इन स्टार्टअप को काफी सराहना भी मिल रही है।
स्टार्टअप द्वारा ऐसे प्रोडक्ट तैयार किए जाते हैं, जो सामान्य अनाज के बजाय मिलेट्स के द्वारा बनाए जाते हैं। इन्हें लोगों द्वारा भी काफी पसंद किया जा रहा है। मोटा अनाज डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल जैसी बीमारियों में काफी महत्वपूर्ण साबित होता है।
इंदौर के अनिमेष आर्य की कंपनी द्वारा मोटे अनाज से करीब 14 प्रकार के उत्पाद तैयार किए जाते हैं। इसमें नमकीन, बिस्किट और नूडल्स शामिल हैं। इसमें ज्वार, बाजरा और रागी जैसे अनाज का उपयोग किया जा रहा है।
इसके साथ ही उनकी कंपनी इडली मिक्स और उपमा मिक्स भी कंपनी बना रही है, जिसमें भी मोटे अनाज का ही उपयोग होता है। अनिमेष के अनुसार, मोटा अनाज सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है। कई बच्चों को गेहूं से एलर्जी भी होती है, ऐसे में मोटे अनाज उनकी सेहत को काफी लाभ पहुंचाते हैं।
इंदौर के रहने वाले निशांत हर्षुदे ने मिलेट्स से जुड़े स्टार्टअप की शुरुआत की है। बच्चों में बढ़ते जंक फूड के चलन को देखते हुए उन्होंने जंक फूड को मिलेट्स से तैयार किया। इसे काफी पसंद भी किया जा रहा है। निशांत के अनुसार, उनकी कंपनी मिलेट्स से पिज्जा, पास्ता, नूडल्स और मंचुरियन जैसे प्रोडक्ट बनाती है।
कंपनी ने न्यूट्री एआई भी विकसित किया है, जहां चैटबॉट के जरिये लोगों को अपनी डाइट के अनुसार, उत्पादों की क्वांटिटी तय करने, डाइट प्लान करने सहित अन्य विकल्प मिलता है। निशांत को इस स्टार्टअप के लिए इंटरनेशनल न्यूट्री सीरियल कन्वेंशन में यंग मिलेटप्रेन्योर ऑफ द ईयर 2024 का अवॉर्ड भी मिल चुका है।
महिला उद्यमी मेघा दुबे मिलेट्स से उत्पाद बनाने के साथ लोगों को जागरूक करने का काम भी कर रही हैं। इसके साथ ही वे महिलाओं को भी इसके लिए जागरूक भी करती हैं। वे शिविर के माध्यम से अब तक चार हजार महिलाओं को जागरूक कर चुकी हैं। साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर वे किसानों को भी मोटे अनाज की खेती करने के लिए प्रेरित करती हैं।