Yog Aasan: कमर दर्द की समस्या को ठीक करना है तो करें गोमुख आसन का अभ्यास
International Yoga Day 2023 इस योगासन के अभ्यास से बांहों की पेशियां और पीठ वाले हिस्से में मजबूती आती है।
By Manoj Kumar Tiwari
Edited By: Manoj Kumar Tiwari
Publish Date: Sat, 17 Jun 2023 07:08:23 AM (IST)
Updated Date: Tue, 20 Jun 2023 01:40:42 PM (IST)
International Yoga Day 2023: योगासन करने से शरीर और मस्तिष्क दोनों स्वस्थ रहता है। साथ ही काम करने की क्षमता का विकास होता है। गोमुख आसन करने से इम्यूनिटी सिस्टम भी मजबूत होता है। इस आसन में जांघें और दोनों हाथ एक छोर पर पतले और दूसरे छोर पर चौड़े होते हैं, जिसके कारण वे गाय के मुख के समान दिखाई देते हैं। इस आसन को करने के लिए गाय के समान मुद्रा में बैठना होता है। इस योगासन को करना बेहद सरल है। कमर दर्द की समस्या को ठीक हाेती है।
योग विशेषज्ञों का कहना है कि गोमुखासन महिलाओं के लिए भी बहुत लाभदायक होता है। इसके अभ्यास से वजन को कम करने के लिए और शरीर को सुडौल बनाने के लिए यह आसन और बहुत ही फायदेमंद होता है। गोमुखासन कंधों और जांघों की मांसपेशियों को मजबूत करता है।
अभ्सास को सुबह को कर सकते हैं। साथ ही इसके लिए पेट खाली होना बेहद जरूरी है। योग विशेषज्ञों का कहना है कि इस योगासन के अभ्यास से बांहों की पेशियां और पीठ वाले हिस्से में मजबूती आती है। साथ ही रीढ़ की हड्डियां सीधी रहती है। अस्थमा के मरीजों के लिए भी इस मुद्रा के कई फायदे है। इससे छाती वाले हिस्से में फैलाव आता है और इसके नियमित अभ्यास से श्वसन संबंधी समस्याएं दूर होती है।
गोमुखासन योग से कूल्हे के दर्द में काफी आराम मिलता है और कमर दर्द की समस्या भी ठीक हो सकती है। बवासीर और सर्वाइकल स्पन्डिलाइटिस जैसी समस्याओं में भी इसके अभ्यास से कंधे की जकड़न, गर्धन में दर्द और सिरदर्द की दिक्कते आ सकती है।
इससे लिवर और किडनी की समस्या में भी आराम मिलता है। डायबिटीज की बीमारी भी इससे कम हो सकती है। गोमुखासन से शरीर लचीला बनाए रखने और सुडौल बनाने में मदद मिलती है। यह पैर में ऐंठन को कम करता है और पैर की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है।
इस आसन को करने के लिए योग मैट पर सुखासन या क्रास पैर वाली मुद्रा में बैठ जाएं। इसके बाद बांए पैर को शरीर की तरफ खींचने का प्रयास करें। फिर दायं पैर को बांए पैर की जांघों के ऊपर रखें और उसे भी खींचकर शरीर के पास ले आएं। अब दाएं हाथ को कंधे के ऊपर करें और कोहनी के पास से मोड़कर पीठ के पीछे जितना अधिक हो सके ले जाएं।