Eye Care : वर्षा के मौसम में कंजंक्टिवाइटिस से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। वर्षा का मौसम संक्रमण के अनुकूल होता है इसलिए इन दिनों कंजंक्टिवाइटिस की समस्या बढ़ जाती है। असल में आंखें बहुत ही नाजुक और संवेदनशील होती हैं। थोड़ी सी परेशानी में लक्षण दिखाई देने लगते हैं। आंखें आना या पिंक आई आंखों से जुड़ी एक सामान्य समस्या है, जिसे चिकित्सीय भाषा में कंजंक्टिवाइटिस कहते हैं। यह काफी संक्रामक होता है, और बहुत तेजी से संपर्क में आए दूसरे लोगों में भी फैल सकता है।
हमारी आंखों में एक पारदर्शी पतली झिल्ली, कंजंक्टिवा होती है जो हमारी पलकों के अंदरूनी और आंखों की पुतली के सफेद भाग को कवर करती है। इसमें सूजन आना या संक्रमित होने को कंजक्टिवाइटिस या आंख आना कहते हैं। कंजक्टिवाइटिस की समस्या आंखों में बैक्टीरिया या वायरस के संक्रमण या एलर्जिक रिएक्शन के कारण हो सकती है। यह दो प्रकार का होता है, वायरल व बैक्टीरियल कंजक्टिवाइटिस। वायरल कंजक्टिवाइटिस के अधिकतर मामले एडेनोवायरस के कारण होते हैं।
हर्पीस सिम्प्लेक्स वायरस, वैरिसेला जोस्टर वायरस से हो सकता है। वायरल कंजक्टिवाइटिस अक्सर एक आंख में होता है, कुछ दिनों में दूसरी आंख में भी फैल जाता है। वहीं बैक्टीरियल कंजक्टिवाइटिस कुछ बैक्टीरिया के संक्रमण के कारण होता है। वायरस और बैक्टीरिया दोनों से ही होने वाला कंजक्टिवाइटिस संक्रामक होता है। संक्रमित व्यक्ति की आंखों से निकलने वाले डिस्चार्ज के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष संपर्क में आने के द्वारा यह फैल सकता है। संक्रमण एक या दोनों आंखों में हो सकता है।