
Jabalpur News : नई दुनिया प्रतिनिधि, जबलपुर। स्टाइलिश लोगों की दुनिया में हर दिन फैशन के विविध रंगों ने हर वर्ग के युवाओं को अपनी ओर खींचा है। इस परिवेश में पैरों की शान कहे जाने वाले शूज आज विविध रंग और अनेक विविधता लिए बाजार की शोभा बढ़ा रहे हैं। यही कारण है कि युवाओं की खास पसंद अब लेदर शूज की जगह स्पोर्ट्स शूज ने ले ली है। महिलाएं, बच्चे और टीनएजर में भी स्पोर्ट्स शूज की एकाएक मांग ने बाजार की रंगत बदल दी है।
कंपनियां भी डिमांट के अनुरूप बेहद आकर्षक रंगों से सजे शूज बनाकर शोरूम की मांग पूरी कर रही हैं। आज का दौर लोफर शूज पहनने का है। बड़े ब्रांड की कापी चाइना से तैयार होकर आ रही है, जो कि दाम में कम और बेहद लाइटवेट व टिकाऊ होती है। लेसिंग शूज की जगह विदाउट लेस ने ले ली है। बिना लेस के जूतों की इन दिनों खासी मांग है। हर वर्ग इसे पहन रहा है।
शादियों के सीजन में इटालियन स्टाइल के चेल्सी शू का फैशन सबसे जाता है। माइक्रो लेदर में इनकी कीमत भी वाजिब होती है और स्टाइलिश भी होते है। महिला व पुरुष दाेनों ही वर्गों को खास ध्यान कर इन्हें डिजाइन किया गया है। करीब चार दशक से शूज के कारोबार में जुड़े स्पोर्ट्स लबर सरदार दलबीर सिंह की मानें तो फैशन के इस दौर में लोग टिकाऊ नहीं किफायती स्टाइलिश जूते पहनना पसंद करते हैं।
स्टाइलिश शूज ने परंपरागत शूज को फैशन के इस बदलते दौर में मार्केट से या यूं कहें चलन से ही बाहर कर दिया है। आक्सफोर्ड के सिंपल ब्लैक आफिस शूज की तुलना में वर्तमान समय में कैजुअल कैनवास शूज बहुत लंबा सफर तय कर रहे हैं, साथ ही किफायती दाम ने ग्राहकाें को अपनी ओर खींचा है।
1990 के दशक में चौड़े जूते और बेलबॉटम पेंट का चलन था और अब स्किन टाइट जींस और पतले कैनवास शूज का दौर है। लाइट वैट ईवा सोलयुक्त जूते मार्केट में इन दिनों छाया गए हैं। ईवा सोल ने जूतों के वजन को हल्का किया और आरामदायक बना दिया है। साथ ही सिंथेटिक माइक्रो लेदर ने ओरिजनल लेदर को चलन से बाहर कर दिया।