मीठे पेय पदार्थों से बढ़ सकता है डायबिटीज का खतरा
फल और दूसरे खाद्य पदार्थों का ब्लड शुगर के स्तर पर कोई नुकसानदायक प्रभाव नहीं पाया गया।
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Publish Date: Sat, 24 Nov 2018 06:02:30 PM (IST)
Updated Date: Sat, 24 Nov 2018 06:15:11 PM (IST)
टोरंटो। मीठे पेय पदार्थों (स्वीटेंड ड्रिंक्स) का ज्यादा इस्तेमाल करने वाले लोग सजग हो जाएं। एक नए अध्ययन में आगाह किया गया है कि इस तरह के पेय पदार्थों के सेवन से टाइप-2 डाइबिटीज का खतरा ज्यादा बढ़ सकता है। शोधकर्ताओं के अनुसार, फल और दूसरे खाद्य पदार्थों का ब्लड शुगर के स्तर पर कोई नुकसानदायक प्रभाव नहीं पाया गया। इस तरह के खाद्य पदार्थों में फ्रुक्टोज पाया जाता है।
फ्रुक्टोज की साबूत अनाज, फलों और शहद जैसे खाद्य पदार्थों में स्वाभाविक रूप से उत्पत्ति होती है। कनाडा के सेंट माइकल अस्पताल के शोधकर्ता जॉन सिवेनपाइपर ने कहा कि अध्ययन के नतीजों से यह सलाह देने में मदद मिल सकती है कि डायबिटीज के नियंत्रण और रोकथाम में फ्रुक्टोज के स्रोत वाले खाद्य पदार्थों की कितनी अहमियत होती है। शोधकर्ताओं ने 155 अध्ययन के नतीजों के विश्लेषण के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला है।
नई जांच झटपट करेगी खाने में ई कोली की पहचान
शोधकर्ताओं ने इशरीकिया कोली (ई कोली) बैक्टीरिया की पहचान के लिए एक नई जांच विकसित की है। इसकी मदद से खाने में मौजूद इस खतरनाक रोगाणु की झटपट पहचान हो सकेगी। शोधकर्ताओं के अनुसार, नई टेस्टिंग किट मौजूदा विधियों की तुलना में ई कोली 0157 की पहचान जल्दी कर सकती है।
यह बैक्टीरिया आमतौर पर मीट में पाया जाता है और कई गंभीर बीमारियों का कारण बनता है। कनाडा की वेस्टर्न ओंटारियो यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर माइकल राइडर ने कहा कि यह तकनीक ना सिर्फ काफी तेज है बल्कि किफायती भी है। इसे इस्तेमाल करना आसान है। मौजूदा समय में खाद्य पदार्थों के नमूनों को जांच के लिए लैब भेजना होता है और नतीजे आने में दो सप्ताह तक का वक्त लग जाता है लेकिन नई जांच से यह नतीजा महज कुछ घंटे में ही सामने आ जाएगा। यह जांच काफी हद तक प्रेगनेंसी टेस्ट की तरह है।