दिनोंदिन आधुनिक होते समाज में इंटीरियर डिजाइनर्स की मांग काफी बढ़ गई है। इसमें कोई शक नहीं कि अब लोगों की व्यवस्थित, सुंदर और सुरुचिपूर्ण ढंग से रहने की आदतें बढ़ीं हैं। कम स्थान में कैसे सुविधापूर्वक रहा जाए, इसकी जरूरत भी पहले से बढ़ गई है। इस मामले में लोगों को इंटीरियर डिजाइनर के सहयोग की आवश्यकता पड़ती है। इंटीरियर डिजाइनर आवास के अलावा ऑफिस, दुकान तथा अन्य प्रकार के भवनों की भी साज-सज्जा करते हैं। साज-सज्जा का कार्य पर्यावरण, मनोविज्ञान, वास्तुकला और प्रोडक्ट डिजाईन से गहराई से जुड़ा हुआ है। जिसकी रुचि, चीजों को व्यवस्थित करने, नया लुक प्रदान करने और रचनात्मक कार्य करने में है, उनके लिए इंटीरियर डिजाइनिंग एक करियर के रूप में बहुत ही लाभदायक हो सकता है। यह इस समय तेजी से उभरता हुआ क्षेत्र है और इसमें रोजगार की भी अच्छी सम्भावना है।
वर्क प्रोफाइल
इंटीरियर डिजाइनर का काम क्रिएटिव होता है। उसका मुख्य काम है क्लाइंट की इच्छा तथा बजट के अनुसार घर को सुंदर रूप देना। पहले इंटीरियर डिजाइनर घर की बनावट के आधार पर कम्प्यूटर की सहायता से मैप तैयार करता है। अगर वह क्लाइंट को पसंद आ गया और उसकी सहमति मिल जाती है, तो वह उसी के अनुरूप घर को अंतिम रूप दे देता है।
शैक्षणिक योग्यता
इंटीरियर डिजाइनिंग के कोर्स में प्रवेश पाने के लिए 12वीं में गणित, भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान तथा इंग्लिश में कम से कम में 55 प्रतिशत अंक जरूरी हैं।
पर्सनल स्किल्स
इंटीरियर डिजाइनिंग के क्षेत्र में सफलता क्लाइंट की अधिकतम संतुष्टि पर निर्भर करती है। इंटीरियर डिजाइनर में सिर्फ क्रिएटिव ही नहीं, टेक्निकल गुण होना भी बहुत जरूरी है। घर की सज्जा को अंतिम रूप देने तक की प्रक्रिया में डिजाइनर को कई लोगों से मिलना पड़ता है और बात भी करनी पड़ती है। ऐसी स्थिति में प्रभावशाली ढंग से बातचीत करने की क्षमता का होना जरूरी है। इंटीरियर डिजाइनर के विचारों पर अंतिम मुहर क्लाइंट के द्वारा ही लगती है, इसलिए यह भी जरूरी है कि क्लाइंट इंटीरियर डिजाइनर की बात को बिना किसी परेशानी के समझ सके। और इसके लिए एक डिजाइनर में तकनीकी भाषा को आम भाषा में परिवर्तित करने का गुण भी होना चाहिए। इसके अतिरिक्त, इंटीरियर डिजाइनर को धैर्यवान तथा मृदुभाषी भी होना चाहिए।
रोजगार अवसर
पिछले कुछ समय से घर के प्रति जागरूकता ने इंटीरियर डिजाइनिंग के क्षेत्र में अनेक विकल्पों को जन्म दिया है। इस क्षेत्र में नौकरी की अपार संभावनाएं पैदा हुई हैं। एक इंटीरियर डिजाइनर के रूप में किसी बड़ी कंपनी के लिए काम करने के अलावा स्वयं भी कोई कंपनी स्थापित करने का विकल्प उपलब्ध है। प्रोफेशनल्स किसी प्राइवेट डिजाइन फर्म या थियेटर में भी काम कर सकते हैं। पब्लिक सेक्टर में भी इंटीरियर डिजाइनरों की काफी मांग है। पब्लिक इंस्टीट्यूशंस जैसे टाउन प्लानिंग ब्यूरो, मेट्रोपोलिटन और क्षेत्रीय विकास डिपार्टमेंट में इंटीरियर डिजाइनर्स की आवश्यकता है तथा भविष्य में भी इनकी मांग बनी रहेगी। जो व्यक्ति पार्ट-टाइम जॉब करना चाहते हैं तथा अपना खुद का बिजनेस करना चाहते हैं, वे भी थोड़ा-सा पैसा लगाकर इस क्षेत्र में करियर तलाश सकते हैं।
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कोर्सेस
इंटीरियर डिजाइनर बनने के लिए चार साल का बैचलर ऑफ फाइन आर्ट (बीएफए) प्रोग्राम होता है। भारत में कुछ संस्थान इंटीरियर डिजाइनिंग में एक साल का डिप्लोमा कोर्स भी कराते हैं।
प्रमुख संस्थान :