विदिशा(नवदुनिया प्रतिनिधि)। शहर में नालों पर अतिक्रमण के कारण वर्षा के वक्त बस्तियों में जलभराव की समस्या आए दिन आ रही है। अवैध निर्माण के कारण लोगों की जान आफत में आ गई है ऐसे में नपा ने अब अवैध कब्जा करने वालों पर सख्ती करना शुरू कर दिया है। सोमवार को सागर पुलिया के पास नाले के अंदर हो रहे अवैध निर्माण को तोड़ा गया। एक मेडिकल स्टोर संचालक द्वारा नाले के अंदर दीवार उठाकर कब्जा करने की कोशिश की जा रही थी जिसे नपा के अतिक्रमण दस्ते ने तोड़ दिया।
बंटीनगर सागर पुलिया के पास स्थित नाले के पास मेडिकल स्टोर संचालक ने दुकान व घर के पास से गुजरे नाले के अंदर ही पांच फीट चौड़ी जगह घेरकर करीब 100 फीट लंबी दीवार उठाने की तैयारी कर ली थी। दीवार बनाने की जानकारी नपा टीम को लगी तो मौके पर पहुंचे उपयंत्री अशोक राय ने तुरंत कर्मचारियों की मदद से दीवार को तोड़ दिया। इस स्थान पर दीवार बनाकर नाले को सकरा किया जा रहा था। टीम ने तत्काल कार्रवाई करते हुए ईंटों की पक्की दीवार को ढहा दिया। साथ ही मेडिकल स्टोर संचालक से घर की अनुमति के दस्तावेज मांगे गए हैं। उपयंत्री अशोक राय ने बताया कि यदि मकान निर्माण संबंधित दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए गए तो मकान निर्माण की जांच कर उस पर भी कार्रवाई की जाएगी। यहां नाले के पास ही अतिक्रमण किया जा रहा था जिससे पानी निकासी नहीं हो पा रहा है ओर आए दिन जलभराव की समस्या हो रही है। दस एवं 11 जुलाई को ही यहां वर्षा के पानी का निकास नहीं होने से बाढ़ जैसे हालत बन गए थे। लोगों की जान मुसीबत में आ गई थी और रहवासियों ने इसके विरोध में चक्काजाम तक कर दिया था। उपयंत्री ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग से सर्वे कराकर अन्य जगह कब्जे की जानकारी निकलवा रहे हैं।
नालों पर हैं अवैध कब्जे, पक्के निर्माण
शहर में छोटे बड़े करीब 25 से ज्यादा नाले हैं जिन पर अवैध कब्जा होने से जल निकासी नहीं हो पाती। नालों के ऊपर अतिक्रमण होने से वह सकरे होते जा रहे हैं जिससे वर्षा के मौसम में पानी नाले से निकलने के बजाय सड़कों पर आ जाता है और लोगों के घरों में भर जाता है। शहर के रंगियापुरा, ढतलपुरा, रीठाफाटक, वैशाली नगर कालोनी, डंडापुरा, सिंधिकालोनी, रामलीला रोड, जतरापुरा, मोहनगिरी, करैयाखेड़ा रोड, सागर पुलिया के अदंर तक नाले से सटकर पक्के मकान बन गए हैं।
रीठाफाटक, डंडापुरा में सकरा हुआ नाला
शहर के रीठाफाटक क्षेत्र का नाला पुलिया तक चौड़ा हैं लेकिन वैशाली नगर कालोनी में जाते ही ये सकरा हो गया। कालोनी के अदंर नाला ऊपर से पैक है, नाले के ऊपर ही पक्का निर्माण कर दिया, जिससे सफाई नहीं हो पाती और पानी रीठाफाटक क्षेत्र की सड़कों में ही भर जाता है। इसी तरह डंडापुरा चिंतामणी गणेश मंदिर के पास नाला भी सकरा हो गया है। एमएलबी स्कूल के पीछे से नाला चौड़ा है जो स्कूल के अंदर से डंडापुरा सड़क पर इसी स्थिति में है लेकिन सड़क पार करके नाले घरों के बीच से निकला है जो सकरा हो गया। यहां भी पक्का अतिक्रमण है।
बंटीनगर व मोहनगिरी के नाले पर अतिक्रमण
बंटीनगर सागर पुलिया के पास हमेशा से ही वर्षा के दौरान जलभराव की समस्या रही है। यहां नाले के ऊपर कब्जे और अवैध निर्माण के कारण नाला सकरा होता जा रहा है। साल 2019 में यहां एक कालोनी के अदंर नाले से अतिक्रमण हटाया था, उसके बाद से ही कोई कार्रवाई नहीं हुई। यहां नाले के आसपास लोगों ने पक्का निर्माण कर लिए। इसी तरह मोहनगिरी में भी नाले के पास में ही मकान बने हुए हैं। लोगों ने नाले के ऊपर फर्सियां रखकर उन पर शौचालय तक बना लिए। जिससे यहां सफाई तक नहीं हो पाती, कचरा ठसा रहता है।
रायलसिटी और टीलाखेड़ी में भी अवैध निर्माण
रायलसिटी और द्वारिकापुरी कालोनी से सटे नाले के पास भी अवैध निर्माण से नाला के आकार पर असर हुआ है। यहां पिलर डालकर पक्के निर्माण कर लिए गए। जिससे पानी का बहाव रुक रहा है। इससे टीलाखेड़ी क्षेत्र में जलभराव की समस्या हो रही है। टीलाखेड़ी सहित आज्ञाराम कालोनी, रायलसिटी, द्वारिकापुरी कालोनी का पानी निकासी की व्यवस्था यहीं से है। वर्षा के दौरान यहां बस्तियां जलमग्न हो गई थीं। टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के नियमानुसार नाले से 9 मीटर दूर निर्माण की इजाजत होती है लेकिन शहर में इस नियम का पालन नहीं हो रहा।