विदिशा। छह माह पहले ट्रेन में बैठकर महाराष्ट्र पहुंचे दो बच्चों को चाइल्ड लाइन ने प्रयास कर उनके परिजनों से मिला दिया है। परिजनों से मिलने के बाद बच्चे बेहद खुश दिखाई दिए। पूछताछ में बच्चों ने एक रिश्तेदार का नाम बताया है जिसने उन्हें गांव से लाकर ट्रेन में बिठा दिया था। महाराष्ट्र में जब किसी पुलिस जवान की नजर इन बच्चों पर पड़ी तो वह उन्हें लेकर चाइल्ड लाइन पहुंचा जहां पूछताछ के बाद स्थानीय बाल कल्याण समिति को सूचना दी गई थी। चाइल्ड लाइन समन्वयक शिवगोपाल जायसवाल ने बताया कि जुलाई के अंतिम सप्ताह में बाल कल्याण समिति अध्यक्ष प्रेमसिंह धाकड़ का फोन आया था कि जलगांव महाराष्ट्र से एक पत्र आया है जिसमें एक बालक राजेश उर्फ गोलू और एक बालिका जम्मू वहां मिले हैं और विदिशा जिले के गोरैया खामखेड़ा के रहने वाले बताये जा रहे हैं। इसके बाद चाइल्ड लाइन की टीम गांव पहुंची लेकिन बच्चों के माता-पिता सपेरा जाति के होने के कारण उनका स्थाई निवास नहीं मिल रहा था। कई बार गांव गए आसपास के गांव पहुंचे तब उनके ताऊ से मुलाकात हुई तो उन्होंने बच्चों के गुमने की बात कही। उन्होंने टीम को बताया कि करीब छह माह पहले बच्चे अचानक गायब हो गए हैं। इस बात की सूचना उन्होंने थाने में भी दी है। इसके बाद उक्त जानकारी से उन्होंने बाल कल्याण समिति को अवगत कराया। समिति ने जलगांव संपर्क कर बच्चों को शहर भेजने की बात कही। इसके बाद अगस्त माह में बच्चे शहर आ गए। समिति ने उनके परिजनों को बुलाकर जरूरी कार्रवाई करते हुए बच्चे उन्हें सौंप दिए हैं।