Vande Bharat Train in MP: विदिशा(नईदुनिया प्रतिनिधि)। वंदे भारत ट्रेन में बैठना बेहद सुखद रहा। इस ट्रेन में सीटें काफी आरामदायक थीं और ट्रेन की गति इतनी तेज थी कि भोपाल से विदिशा की यात्रा कब पूरी हो गई, पता ही नहीं चला। यह ट्रेन तो हवा के जैसे भागती है। यह कहना था भोपाल के सागर पब्लिक स्कूल के छात्र रौनक जैन का। रौनक सहित करीब ढाई सौ छात्र-छात्राएं शनिवार शाम को वंदे भारत ट्रेन से विदिशा रेलवे स्टेशन पहुंचे थे। यहां उतरे सभी बच्चों के चेहरे पर सुखद यात्रा की खुशी अलग ही दिखाई दे रही थी।
इन बच्चों को वापस भोपाल लाने के लिए बसें लगाई गई थीं।रेलवे स्कूल के छात्र चेतन सोनाने से जब पूछा गया कि इस ट्रेन में सबसे अच्छा क्या लगा तो उसका जवाब था कि इसकी तेज रफ्तार। चेतन के मुताबिक अन्य ट्रेन धीरे-धीरे गति पकड़ती है, लेकिन वंदे भारत ट्रेन ने महज डेढ़ मिनट में तेज गति पकड़ ली थी। तेज गति से दौड़ती ट्रेन हवा के साथ भागती लग रही थी। वहीं भोपाल के एक निजी स्कूल के छात्र दिव्यांश शर्मा का कहना था कि उन्होंने अब तक इतनी तेज रफ्तार से चलने वाली ट्रेन में सफर नहीं किया था।
ट्रेन में बैठकर ऐसा लग रहा था जैसे वह प्लेन में यात्रा कर रहा हो। कक्षा दसवीं की छात्रा निकिता का कहना था कि इस ट्रेन में बैठकर काफी अच्छा लगा। तेज गति से भागती ट्रेन में बड़ी - बड़ी खिड़कियों में लगे शीशों से बाहर का दृश्य देखना सुखद रहा। उनका कहना था कि ट्रेन में इतनी सारी सुविधाएं देखकर वह चकित थी।
कक्षा 12 वीं के छात्र सूर्यांश कुशवाह का कहना था कि स्वदेशी वंदे भारत ट्रेन में बैठना खुशी के साथ साथ गर्व का पल भी रहा। वे पहली बार स्वदेशी ट्रेन में बैठे। उन्होंने बताया कि जब से उन्हें इस ट्रेन में यात्रा करने की जानकारी मिली थी, तब से ही बहुत उत्साहित था। यू ट्यूब पर इस ट्रेन के ढेर सारे वीडियो भी देखे, लेकिन इस ट्रेन में बैठना और यात्रा करना किसी सपने से कम नहीं रहा।