विदिशा। लोगों को मुसीबत के समय तत्काल पुलिस सहायता मिले इसके लिए शासन ने 100 डायल सेवा शुरू की है। जिलेभर में रोजाना 100 से 150 शिकायतें डायल 100 पर ही मिल जाती हैं। इनमें कई शिकायतें ऐसी होती हैं। इसमें पुलिस को भी समझ नहीं आता कि इनका निराकरण कैसे किया जाए। कई गांवों से फोन आ जाते हैं कि एक व्यक्ति खुले में शौच कर रहा है। ऐसे में डायल 100 वाहन को इवेंट मिलने पर भोपाल से मौके पर जाने के निर्देश मिलते हैं। जब पुलिस मौके पर पहुंचती है तो पता चलता है कि शौच करने वाला व्यक्ति जा चुका है।
डायल 100 कंट्रोल रूम प्रभारी प्रदीप सिंह चौहान ने बताया कि कई लोग अपने आंगन का बल्ब गुम होने पर भी फोन करके पुलिस बुलाते हैं। ऐसे में शिकायत मिलने पर वाहन को मौके पर भेजना पड़ता है। फरियादी के बल्ब की कीमत दस रुपए हो, लेकिन उसके फोन पर गांव तक वाहन ले जाने पर उससे दस गुना कीमत तक डीजल खर्च हो जाता है और पुलिस के समय की बर्बादी भी होती है।
भोपाल से निर्देश मिलते हैं तो मौके पर जाना पड़ता है, ऐसे फोन कॉल से कई बार बड़ी और गंभीर घटनाओं में पहुंचने में पुलिस को देर हो जाती है। उनके अनुसार महिने में 20 से 30 शिकायत ऐसी मिल जाती हैं। ऐसी शिकायतों को लेकर अब तक कोई निर्देश नहीं मिले हैं।
अब थाना प्रभारियों की बढ़ी जिम्मेदारी
डायल 100 की प्रत्येक शिकायत पर अब संबधित थाना प्रभारियों की जिम्मेदारी ज्यादा बढ़ गई है। अब डायल 100 पर फोन कर अपनी समस्या बताने वाले फरियादियों की समस्या को लेकर थाना प्रभारियों ने क्या निराकरण किया इसकी पूरी जानकारी अब डायल 100 के पोर्टल पर उन्हें भरनी होगी।
इससे पहले डायल 100 पर आने वाली शिकायतों को थाना प्रभारी गंभीरता से नहीं लेते थे। लेकिन अब संबंधित थाना प्रभारियों की कार्रवाई पर सीधी भोपाल की नजर होगी। एसपी विनायक वर्मा ने पिछले दिनों हुई बैठक में भी थाना प्रभारियों को नए नियमों का पालन करने निर्देश दिए थे। आपको बतादें कि जिले में 21 थानों में 21 डायल 100 वाहन हैं। इन वाहनों से एक माह में 4 हजार से ज्यादा शिकायतों को सुना जाता है।