Hathi Mahotsav: 'गौतम' ने बढ़ाया बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान में हाथियों का कुनबा
Hathi Mahotsav: ज्यादातर युवा हाथी रिटायर्ड हो चुके गौतम की ही संतान हैं।
By Hemant Kumar Upadhyay
Edited By: Hemant Kumar Upadhyay
Publish Date: Sun, 28 Aug 2022 07:23:06 PM (IST)
Updated Date: Mon, 29 Aug 2022 07:43:15 AM (IST)
Hathi Mahotsav : संजय कुमार शर्मा, उमरिया। हाथी महोत्सव में शामिल बांधवगढ़ का सबसे उम्रदराज हाथी गौतम पिछले साल गश्ती के अपने कार्य से रिटायर्ड हो चुका है। यही वह हाथी है, जिसकी सबसे ज्यादा संतानें आज बांधवगढ़ में बाघों की सुरक्षा के लिए अपनी सेवा दे रही हैं। 76 साल की उम्र में गौतम अपने कुनबे के छोटे हाथियों के साथ अक्सर खेलता नजर आता है। बुढ़ापे के कारण अब वह जल्द ही थक जाता है, लेकिन उसकी आंखें अब भी हर समय चौकन्नाी नजर आती हैं।
गौतम का जन्म देश की आजादी से महज एक साल पहले 1946 में हुआ था। 44 साल पहले 1978 गौतम बांधवगढ़ आया था। उस समय सैलानियों को हाथियों से सैर कराई जाती थी और इसमें गौतम ने अपनी अहम भूमिका निभाई।
बाघों से किया सामना :
बांधवगढ़ के फील्ड डायरेक्टर रहे सेवानिवृत्त सीसीएफ मृदुल पाठक बताते हैं कि गौतम बाघों के सामने डट जाता था। बाघों की दहाड़ का उस पर कोई असर नहीं होता था। जब जंगल में बाघों के बीच आपसी संघर्ष छिड़ता था तो उन्हें अलग करने के लिए सबसे पहले गौतम को ही कसा जाता था।