उज्जैन (नईदुनिया प्रतिनिधि)। विक्रम विश्वविद्यालय दो करोड़ रुपये की फूड टेक्नोलाजी लैब स्थापित करने को कंसलटेंट से प्रस्ताव बनवा रहा है। ऐसा प्रस्ताव जिसके अमल में आने पर विद्यार्थी न केवल खाद्य पदार्थों को लंबे समय तक उपयोगी बनाए रखने की तकनीक सीख पाएंगे बल्कि अपनी खाद्य प्रसंस्करण यूनिट स्थापित कर लोगों को रोजगार देने वाले उद्यमी बन पाएंगे।
इससे विश्वविद्यालय की आय में भी इजाफा होगा। लैब की स्थापना प्रोत्साहन और नवाचार, ग्रामीण उद्योग और उद्यमिता (एस्पायर) योजना अंतर्गत की जाएगी। इसके लिए एमएसएमई डिपार्टमेंट के अफसर स्थल निरीक्षण कर चुके हैं।
मालूम हो कि एस्पायर योजना ग्रामीण क्षेत्रों में उद्योगों और उद्यमों को विकसित करने के लिए शुरू की गई भारत सरकार की योजना है। इसका मुख्य उद्देश्य उद्यमिता को बढ़ावा देना है।
लक्ष्य कृषि-उद्योग स्टार्ट-अप को नवाचार करने के लिए प्रोत्साहित करना है। विश्वविद्यालय वर्तमान में फूड टेक्नोलोजी में डिग्री कोर्स भी संचालित कर रहा है। भविष्य में लैब स्थापित होने पर सार्टिफिकेट और डिप्लोमा कोर्स शुरू करने की योजना विश्वविद्यालय ने बनाई है।
लैब में खाद्य पदार्थों की लाइफ बढ़ाने को मशीनें स्थापित की जाएंगी। जहां फलों का जूस, जेम बनाने, आचार बनाने, मसालों का पाउडर बनाना सिखाया जाएगा। विश्वविद्यालय अब उद्योगों की मेपिंग करेगा। वहीं पाठ्यक्रम पढ़ाएगा जिसकी इंडस्ट्री में मांग होगी। या जिन उद्योगों के खुलने की संबंधित क्षेत्र में संभावना होगी। लैब स्थापित होने से यहां फल, सब्जी का उत्पादन भी बढ़ेगा।