उज्जैन (नईदुनिया प्रतिनिधि)। त्रिवेणी घाट पर शिप्रा नदी में डूबने से गुरुवार को दो बालिकाओं की मौत हो गई। बहनों को डूबते देख चार साल के बालक ने शोर मचाया तो आसपास के लोगों ने दोनों के शव नदी से निकालकर पुलिस को सूचना दी। इंदौर निवासी बालिकाएं परिचित के साथ चार साल के भाई को लेकर उज्जैन आई थीं। नानाखेड़ा पुलिस जांच में जुटी है।
एसआइ सतीश ने बताया कि प्रहलाद प्रजापत निवासी राजेंद्र नगर इंदौर मटके की दुकान लगाता है। उसकी पत्नी ज्योति उर्फ काली बाई रविवार को लापता हो गई थी। कालीबाई ने पति को कहा था कि वह उज्जैन के बजरंग नगर में रहने वाले भाई महेश प्रजापत के घर जा रही है। हालांकि, वह उज्जैन नहीं पहुंची थी।
आठ वर्षीय गायत्री, सात वर्षीय सावित्री तथा चार वर्षीय योगेश मां के पास जाना चाहते थे, इसलिए वे बुधवार रात पिता के परिचित राजू के साथ घर से निकल गए थे। उज्जैन में वे गुरुवार दोपहर त्रिवेणी स्थित शनि मंदिर घाट पर शिप्रा नदी में नहा रहे थे।
उसी दौरान गायत्री व सावित्री का पैर फिसला और वे दोनों गहरे पानी में डूब गई। बहनों को डूबता देखकर योगेश ने शोर मचाया तो घाट पर मौजूद लोगों ने बालिकाओं को नदी से निकाला। हालांकि तब तक दोनों की मौत हो गई थी।
अर्धविक्षिप्त के साथ आई थी उज्जैन
एसआइ सतीश नाथ ने योगेश से पूछताछ की तो उसने बताया कि वह इंदौर में रहता है। उसके पिता अन्नपूर्णा क्षेत्र में मटके की दुकान लगाते हैं। इस पर एसआइ नाथ ने अन्नपूर्णा थाने पर संपर्क किया। इंदौर के पुलिसकर्मियों ने बालिकाओं के पिता प्रहलाद से एसआइ नाथ की बात करवाई तो उसने बताया कि उसके तीनों बच्चे रात से ही लापता हैं। वह उसकी दुकान के बाहर बैठने वाले अर्धविक्षित राजू के साथ कहीं चले गए हैं। राजू को वह अपने घर पर ही सुलाता था। प्रहलाद ने बताया कि बच्चे उसकी जेब से 300 रुपये भी निकालकर ले गए हैं। पुलिस ने मामले में मर्ग कायम किया है।