उज्जैन। त्रिवेणी संग्रहालय के सभागार में शनिवार को अखिल भारतीय श्रावण महोत्सव "शिवसंभवम" की पांचवी शाम सुर, ताल व घुंघरुओं की झंकार का जादू छाएगा। मंदिर समिति ने शास्त्रीय गायन, वादन और नृत्य की रसवर्षा से नटराज श्री महाकालेश्वर की आराधना के उपक्रम में सुधिजन, साधक सभी को सादर आमंत्रित हैं।
प्रशासक संदीप कुमार सोनी ने बताया शाम 7 बजे कार्यक्रम का शुभारंभ। पश्चात अतिथि व कलाकारों का सम्मान किया जाएगा। फरीदाबाद की पद्मश्री सुश्री सुमित्रा गुहा के शास्त्रीय गायन से सांझ की शुरुआत होगी। इसके बाद जयपुर के प्रवीण कुमार आर्य एवं सहयोगी कलाकारों द्वारा सामूहिक पखावज वादन की प्रस्तुति दी जाएगी। संध्या का समापन उज्जैन की सुश्री माधुरी कोडपे के कथक नृत्य की प्रस्तुति से होगा।
सुविख्यात गायिका पद्मश्री सुमित्रा गुहा संगीत जगत में ख्याल गायन की एक दुर्लभ धारा लेकर आती है। इनकी गायकी में अनुभव स्पष्ट रूप से प्रकट होता है। 2010 में "पद्मश्री" और 2020 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है |
पं.प्रवीण कुमार आर्य द्वारा प्रसिद्ध पखावज वादक हैं। आपके द्वारा परिकल्पित समूह पखावज की अनूठी प्रस्तुति में तीन पखावज वादकों की एक साथ प्रस्तुति होती है | कुदसिंह घराने की बंदिशों की खूबसूरती, लमछड अंदाज़, गम्भीरता, लयकारियों की सुंदरतम पेशकश की जाती है।
सुश्री माधुरी कोडपे एक प्रख्यात राष्ट्रीय कथक नृत्यांगना हैं | अपनी सम्मोहक प्रस्तुति के माध्यम से माधुरी ने कला जगत में एक ख़ास पहचान बनाई है।| माधुरी ने प्रथम गुरु पं.हरिहरेश्वर पोद्दार हैं। इसके बाद इन्होंने ग्वालियर की गुरु डॉ. तरूणा सिंह से कथक का विधिवत प्रशिक्षण प्राप्त किया।