Ujjain Master Plan: उज्जैन (नईदुनिया प्रतिनिधि)। उज्जैन के विकास लिए प्रस्तावित मास्टर प्लान-2035 में संशोधन के लिए नगरीय विकास एवं आवास विभाग को मिली शेष 27 लिखित आपत्तियों पर सुनवाई शुक्रवार अपरा 3.50 से 4.30 बजे तक वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये हुई। इसमें विधायक पारस जैन ने सचिव स्तर के विभागीय अधिकारियों से कहा कि सिंहस्थ के लिए उपयोगी भूमि पर कालोनी कटी तो जनता को साथ लेकर सड़क पर विरोध करेंगे। शिप्रा के साथ अन्याय भी नहीं सहेंगे। शिप्रा और सिंहस्थ से करोड़ों लोगों की आस्था जुड़ी है।
शासन को शिप्रा के दोनों किनारे की 300 मीटर जमीन को ग्रीन बेल्ट की घोषित करना चाहिए। उम्मीद है शासन सांवराखेड़ी, जीवनखेड़ी, दाऊद खेड़ी की भूमि का उपयोग आवासीय नहीं करेगी। विधायक की बात का समर्थन अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी महाराज, विधायक महेश परमार, नगर निगम के पूर्व अध्यक्ष सोनू गेहलोत ने भी किया। रवींद्रपुरी महाराज ने कहा कि स्थानीय लोगों द्वारा सिंहस्थ क्षेत्र को लेकर जो आपत्तियां दर्ज कराई गई है उसका नगरीय प्रशासन विभाग को पालन करना चाहिए। बता दें कि मास्टर प्लान लागू करने के लिए पिछले साल 450 आपत्तियों का निराकरण शासन ने किया था।
बवाल तब मचा था सांवराखेड़ी, जीवनखेड़ी, दाऊदखेड़ी की भूमि को आवासीय करने का प्रस्ताव था। इस प्रस्ताव को लेकर विपक्षी राजनीतिक दल कांग्रेस के साथ भाजपा के जनप्रतिनिधि भी विरोध में खड़े हो गए थे। आपत्ति जमा करने की आखिरी तारीख 8 मई 2022 से पहले कलेक्टर कार्यालय में जाकर 1500 से अधिक लोगों ने आपत्ति दर्ज कराई। सर्वाधिक लोगों ने आपत्तियों में शिप्रा और सिंहस्थ भूमि का संरक्षण को मुद्दा बनाया।
हाईकोर्ट में याचिका लगाने की भी तैयारी : अखाड़ा परिषद के संत ने कहा है कि शिप्रा व सिंहस्थ हमारी गौरवशाली संस्कृति का अभिन्ना अंग हैं। दोनों का संरक्षण बहुत जरूरी है। नदी और सिंहस्थ की एक इंच भूमि पर अतिक्रमण न हों, इसके लिए हाईकोर्ट में याचिका लगाना है। अभिभाषक इसके लिए दस्तावेज तैयार कर रहे हैं। रवींद्रपुरी ने कहा है कि वे जल्द इस सिलसिले में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान से मिलेंगे।
उज्जैन मास्टर प्लान को लेकर प्राप्त 277 आपत्तियों की सुनवाई शुक्रवार को पूरी हो गई है। सचिव स्तर और फिर मंत्री स्तर पर इनका निराकरण किया जाएगा। निराकरण के बाद ही मास्टर प्लान को अंतिम रूप से स्वीकृत किया जाएगा। यह कब होगा, अभी कहना कठिन है।- सीके सेंधव, उपसंचालक, टाउन एंड कंट्री प्लानिंग